India News (इंडिया न्यूज़), Love Jihad: उत्तरकाशी के पुरोला कस्बे के स्थानीय लोगों ने 26 मई 2023 को उबेद और जितेंद्र सैनी नाम के दो लड़के को वहां की रहने वाली नौवीं कक्षा की एक नाबालिग हिंदू लड़की के साथ पकड़ा और उसे पुलिस को सौंप दिया। जिसके बाद उबेद और जितेंद्र दोनों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया। इस घटना के बाद पुरोला में अलग-अलग संगठनों ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। इन संगठनों का दावा है कि वह युवक नाबालिग लड़की बहला फुसला रहे थे।
इसी कड़ी में हिंदू संगठनों ने लव जिहाद और लैंड जिहाद के खिलाफ पुरोला में महापंचायत बुलाई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने महापंचायत के खिलाफ सुनवाई करने से मना कर दिया है। यह सुनवाई 15 जून को होने रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से मना करते याचिकाकर्ता को अपनी बात हाई कोर्ट में रखने की सलाह दी है।
क्या है धर्मांतरण-रोधी कानून
उत्तराखंड में साल 2018 में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराए जाने को रोकने के लिए एक कानून लाया गया था। जिसके अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले को 1 से 5 साल की कैद और एससी-एसटी के मामले में 2 से 7 साल की कैद की सजा का कानून बनाया गया था। साल 2022 में पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इस कानून को और सख्त कर दिया है इस बार जबरन धर्म परिवर्तन कराने वाले दोषी को 10 साल तक की सजा देने का कानून बनाया गया था।
किन-किन राज्यों में है धर्मांतरण विरोधी कानून?
- उत्तर प्रदेश-इस राज्य में साल 2020 में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाया गया था, इस कानून के तहत दोषी को 1 से 5 साल तक की जेल, 15 हजार रुपये तक का जुर्माना और एससी-एसटी के मामले में 2 से 10 साल की जेल हो सकती है।
- ओडिशा-इस राज्य में जबरन धर्मांतरण पर एक साल की कैद और 5 हजार रुपये की सजा हो सकती है।
- छत्तीसगढ़-जबरन धर्मांतरण कराने पर 3 साल की कैद और 20 हजार रुपये जुर्माना वहीं मामाला अगर नाबालिग या एससी-एसटी से जुड़ा हुआ है तो 4 साल की कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा होती है।
- अरुणाचल प्रदेश-कानून के अंतर्गत जबरन धर्मांतरण कराने पर 2 साल तक की कैद और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है।
- मध्य प्रदेश-इस राज्य में जबरन धर्मांतरण कराए जाने पर 1 से 10 साल तक की कैद और 1 लाख तक का जुर्माना लग सकता है।
- गुजरात-इस राज्य में जबरन धर्मांतरण कराने पर 5 साल की कैद और 2 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है जबकि एससी-एसटी और नाबालिग के मामले में दोषी को 7 साल की सजा और 3 लाख रुपये का भरना पड़ सकता है।
- झारखंड-इस राज्य में जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने पर दोषी को 3 साल की कैद और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है, अगर पीड़िता नाबालिग या एससी-एसटी है तो इस मामले में 4 साल की कैद और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- हिमाचल प्रदेश-इस राज्य में साल 2019 में धर्मांतरण विरोधी कानून लाया गया था यहां दोषी को 1 से 5 साल तक की कैद हो सकती है, अगर पीड़िता एससी-एसटी है तो दोषी को 2 से 7 साल तक की कैद हो सकती है।
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