Lucknow: देश भर में 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि का महापर्व की शुरुआत होने जा रही है। इसको लेकर प्रदेश की योगी सरकार अलग स्तर की तैयारियों में जुट गई हैं। आन वाले इस पर्व पर सरकार मंदिरों में व शक्तिपीठों में दुर्गा सप्तशती का पाठ, देवी गायन, देवी जागरण, झांकियों व अखंड रामायण पाठ का आयोजन करने की तैयारी में है। इसको लेकर राज्य सरकार ने दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। योगी सरकार के इस आदेश के बाद से प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार के इस फैसले का स्वागत तो किया है लेकिन प्रदेश सरकार पर सवाल भी उठाया है। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए सरकार से सवाल किया है।
नवरात्रि को लेकर सरकार एक ओर तैयारियों में लगी है तो दूसरी ओर अखिलेश ने सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि रामनवमी मनाने के लिए उप्र के ज़िलाधिकारियों को 1 लाख रुपये दिये जाने के प्रस्ताव का स्वागत है पर इतनी कम रक़म से होगा क्या, कम से कम 10 करोड़ देने चाहिए जिससे सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जा सके। भाजपा सरकार त्योहारों पर फ़्री सिलेंडर दे और इसकी शुरूआत इसी रामनवमी से हो।
हाल में ही चर्चा थी की काशी विश्वनाथ धाम में शिवलिंग के स्पर्श दर्शन के लिए भुगतान करना पड़ेगा। वहीं इसको लेकर मंदिर प्रशासन अंतिंम फैसला लेगा। जानकारी हो कि इस जानकारी के सामने आने के बाद से तमाम प्रकार के सवाल किए जा रहें हैं। वहीं सपा प्रमुख ने इसको लेकर सवाल किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श-दर्शन के लिए शुल्क की बात उठना भी धार्मिक आस्थाओं पर गहरी चोट है। काशी निवासी व विश्व भर के बाबा विश्वनाथ के भक्त इस समाचार से बेहद आहत हैं। धर्म का व्यावसायीकरण करनेवाली धन पिपासु भाजपा सरकार कल को ‘गंगा जी’ के स्पर्श का भी शुल्क लगा सकती है।”
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