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Lucknow News: रामचरितमानस विवाद में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में सामने आए पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह

• LAST UPDATED : January 30, 2023

Lucknow News: समाजवादी पार्टी के MLC स्वामी प्रसाद मौर्य ने इन दिनों लगातार रामचरितमानस का विरोध किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस के कुछ पंक्तियों पर आपत्तिजनक बयान दिया और कहा कि रामचरितमानस को बैन कर देना चाहिए। जिसके बाद पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने स्वामी प्रसाद का साथ देते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी कि, स्वामी प्रसाद ने कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है।

डीजीपी सुलखान सिंह का क्या कहना है?  

स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद उनके समर्थन में पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह सामने आए है। सुलखान सिंह ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा कि, ‘स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस के कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है। इस आपत्ति पर स्वामी प्रसाद का अधिकार है। रामचरितमानस में जाति,वर्ग का विशेषाधिकार नहीं है। अमानवीय ग्रंथों की निंदा करना तो सही है। ‘साथ ही उन्होंने लिखा कि, ‘भारतीय ग्रंथों ने समाज को गहराई से प्रभावित किया है। ऐसे ग्रंथों ने जातिवाद, ऊंचनीच, छुआछूत को स्थापित किया है। इससे परेशान व्यक्ति अपना विरोध व्यक्त करेगा ही। हिंदू एकता के लिए ऐसे ग्रंथों का विरोध जरूरी है।‘

विरोध के पीछे की बताई वजह…  

विरोध पर उन्होंने बताया कि, समाज की एकता के लिए जरूरी है कि लोगों को अपना विरोध प्रकट करने दिया जाये। भारतीय ग्रंथ सबके लिए हैं। डीजीपी सुलखान सिंह ने स्वामी प्रसाद का साथ देते हुए कहा कि, वो हिंदू वर्ग में रहना चाहते है, इसलिए वो विरोध कर रहे है। वरना अब तक इस्लाम या ईसाई धर्म अपना चुका होते, क्योंकि अतीत में भी धर्मांतरण का कारण यही रहा है।

राम और कृष्ण हमारे पूर्वज हैं। हम उनकी ही अनुकरण कर रहे है। तो हमे भी यह अधिकार है कि, हम अपने पूर्वजों से प्रश्न करें। सदियों से आमलोग राम और कृष्ण से उनके कार्यों के बारे में सवाल पुछते रहे है, और यही कारण उनके व्यापक स्वीकार्यता का सबूत है।

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