यूपी में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। इससे पूर्व 24 मार्च को सुनवाई का दिन तय किया गया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इसे रदद् कर दिया गया था। लेकिन इसको लेकर तारीख तय कर दी गई है। अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने केे बाद ही राज्य के अंदर चुनाव की स्थिति तय की जाएगी।
इधर सुनवाई के लिए राज्य सरकार की ओर से आपना पक्ष रखने के लिए प्रमुख सचिव नगर विकास समेत विभाग समेत अन्य अधिकारियों की टीम रविवार को ही दिल्ली पहुंच गई है। बतातें चले कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को कई दिन पहले ही सौंप दिया थी। जिसे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया था। अब इसी रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट में सुनवाई होनी है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान निकाय चुनाव में मेयर और अध्यक्ष की सीटों पर ओबीसी की आरक्षण को लेकर स्थिति साफ होनी है। राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया है। इसमें पिछड़ों वर्ग को अधिकतम 27 फीसदी आरक्षण देने के बारे में पूरी रिपोर्ट है। सुनवाई के दौरान चुनाव कराने की अनुमति नगर विकास विभाग की ओर से मांगी जाएगी। अनुमति मिलने के साथ ही मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में इसके पहले 24 मार्च को तारीख लगी थी।