रामचरितमानस के विवादित बयान पर समाजवादी पार्टी के साथ देने पर मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, सपा प्रमुख को इनकी वकालत करने से पहले लखनऊ गेस्ट हाउस के 02 जून 1995 की घटना को भी याद कर अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। देखना चाहिए कि जब सीएम बनने जा रही है एक दलित की बेटी पर सपा सरकार ने जानलेवा हमला कराया था।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने रामचरितमानस प्रकरण को लेकर सपा पर हमला किया है। मायावती ने कहा है कि, उपेक्षित वर्ग के लोगों को शूद्र कहकर सपा उपेक्षित वर्ग अपमान न करे। बता दें, बसपा प्रमुख ने कई ट्वीट करके इस प्रकरण पर अपनी बात रखी।
मायावती ने कहा है कि, देश में कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों का ग्रंथ रामचरितमानस और मनुस्मृति नहीं बल्कि भारतीय संविधान है। संविधान में बाबा साहब ने उपेक्षित वर्गों को शूद्रों की नहीं बल्कि एससी, एसटी और ओबीसी का नाम दिया है। सपा के लोग इस संज्ञा को शूद्र कहकर उनका अपमान न करें। न ही संविधान की अवहेलना करें।
साथ ही मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, सपा प्रमुख को इनकी वकालत करने से पहले लखनऊ गेस्ट हाउस के 2 जून 1995 की घटना को याद करके अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। याद करना चाहिए कि, सीएम बनने जा रही दलित की बेटी पर सपा सरकार ने जानलेवा हमला कराया था। यह बात सबको पता है कि देश में एससी, एसटी, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की कदर बीएसपी में ही है।
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