Shri Krishna Janmabhoomi and Shahi Case: यूपी के मथुरा में जन्मभूमि के 13 .37 एकड़ जमीन हिंदू पक्षकारों की जमीन है मुक्ति न्यास ट्रस्ट के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि हम मुक्ति न्यास ट्रस्ट के चाहते हैं कि कोर्ट कमीशन शाही ईदगाह जाना चाहिए कोट कमीशन को लेकर के रिवीजन दाखिल किया है।
मुक्ति न्यास के अधिवक्ता का बार-बार कहना है कि कोर्ट कमिशन जाना चाहिए रिवीजन दाखिल किया है शाही ईदगाह का जो परिसर है उसकी वीडियोग्राफी होनी चाहिए जितने भी तथ्य हैं वह न्यायालय में दाखिल होने चाहिए तथ्यों का आना न्यायालय में आना बहुत आवश्यक है। यह केस में मुख्य किरदार अदा करेंगे इसको लेकर के रिवीजन दाखिल किया गया था जो की न्यायलय में दोनो पक्षों की सुनवाई हो चुकी है।
जिसमें आज न्यायलय के द्वारा केस पारित हो जाएगा अब यह देखा जाएगा कि न्यायालय कोर्ट कमीशन को आदेश करती है या कोर्ट मल्टीलेवल 7/11 को आदेश करेगी। आज के फैसले से स्थिति बिल्कुल साफ हो जाएगी कि कोर्ट कमिशन सर्वे के लिए जाएगा। ये तो देखने वाली बात होगी कि आखिर इस पर न्यायालय का क्या आदेश आता है।
ऐसा दावा है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट कर 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। बहरहाल 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की विवादित भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को अलॉट कर दी थी। दावा किया जा रहा है कि 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ हुए समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों रहने की बात तय हुई थी, लेकिन अभी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, लेकिन अभी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है।