India News(इंडिया न्यूज़),Mukhtar Ansari Case: सोमवार 5 जून का दिन माफिया मुख्तार अंसारी के लिए ब्लैक डे की तरह रहा। बांदा जेल में बंद बाहुबली और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 32 साल पुराने चर्चित अवधेश राय हत्याकांड में में कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाया। मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने आजीवन कारावास और ₹100000 का जुर्माना की का एलान किया है हालांकि मुख्तार के वकील से कोर्ट से सजा कम करने का आग्रह करते रहे लेकिन अदालत ने एक नहीं सुनी।
वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में अवधेश राय मामले में फैसला सुनाने के दौरान मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दो बार पेश हुई। अदालत में मौजूद वकील के मुताबिक, दोषी करार दिए जाने और सजा सुनाने के दौरान मुख्तार अंसारी हाथ जोड़ कर और सिर झुकाए असहाय की तरह खड़ा रहा। उसके चेहरे पर थकान देखी जा रही थी। दोषी ठहराए जाने से पहले उसने जज के सामने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे राजनीतिक रंजिश में फंसाया गया है। वहीं, सजा सुनाए जाने के दौरान मुख्तार ने साल 2005 से अब तक जेल में बिताई गई लंबी अवधि, बीमारी और अपनी अधिक उम्र का हवाला दिया। मुख्तार ने कहा कि उसे कम से कम जा दी जाए। उसने पहले ही अपनी जिंदगी के कई साल जेलों में बिताए हैं। बता दें कि अगर मुख्तार किसी कारण से ये जुर्माना नहीं भर पाता है तो उसे 6 महीने और अधिक जेल में बिताने पड़ेंगे।
3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अजय राय ने प्राथमिकी में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह और पूर्व विधायक अब्दुल कलीम को नामजद किया था।
17 मई को गाजीपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के मोहम्मदाबाद इलाके में हत्या के प्रयास की साजिश रचने के एक मामले में बरी कर दिया। 2009 में मीर हसन ने अंसारी के खिलाफ 120बी के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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