इंडिया न्यूज यूपी/यूके, इटावा: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के चले जाने के बाद अखिलेश यादव के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। कल अंतिम संस्कार के बाद अखिलेश के इस बात का अंदाजा भी हो गया। मुलायम सिंह यादव के कुनबे को संभालना एक बड़ा काम है। जो आसान नहीं है। शायद यही वजह है कि पिता को मुखाग्नि देने के बाद अखिलेश यादव ने समर्थकों के बीच जा कर बैठ गए।
अखिलेश ने कार्यकर्ताओं को दिया बड़ा संदेश
अखिलेश यादव ने अंत्येष्टि स्थल से पार्टी कार्यकर्ताओं को एक बड़ा सन्देश भी दिया। पिता को मुखाग्नि देने के बाद शोकाकुल कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच अखिलेश यादव जाकर बैठ गए। उनके साथ आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम और धर्मेंद्र यादव भी थे। वे उसी भूमिका में नजर आए जैसे कभी मुलायम सिंह यादव, आजम खान और शिवपाल यादव नजर आते थे। संदेश साफ़ था कि नेताजी के जाने के बाद अब पार्टी का वर्तमान और भविष्य वही हैं। इस दौरान मंच से वे कार्यकर्ताओं को शांत करवाते और उनसे हाथ मिलाते भी नजर आए। भले ही वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हों, लेकिन जब तक नेताजी रहे उनकी भूमिका सबसे अहम थी। अब जब वे इस दुनिया में नहीं हैं तो उनकी जगह वे हैं और नई पीढ़ी अब समाजवादी पार्टी को और मुलायम के विचारधारा को लेकर आगे बढ़ेगी।
अखिलेश ने दी मुखाग्नि
बतां दे कि सोमवार को गुरुग्राम मेदांता अस्पताल में मुलायन सिंह यादव का इलाज के दौरान निधन हो गया था। जिसके बाद उनके शव को पैतृक निवास स्थान सैफई लाया गया। जहां उनको अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए तमाम बड़ी हस्तियां पहुंची। मंगलवार को नेता जी की अंतिम यात्रा के दौरान भारी जन सैलाब देखने को मिला। शाम करीब तीन बजे नेता जी पांच तत्वों में विलीन हो गए। अखिलेश यादव ने पिता मुलायम के मुखाग्नि दी।