इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: मुलायम सिंह यादव पांच तत्वों में विलीन हो गए। लेकिन वो लोगों के दिलों में और राजनीतिक इतिहास में हमेशा के लिए जिंदा रहेंगे। मुलायम सिंह यादव बेहद दयालू स्वभाव के थे। ड्राइवर के अग्रह करने पर मुलायम सिंह यादव ने अधिकारियों के निलंबन की कार्रवाई को वापस ले लिया था।
मुलायम ने कई अधिकारियों को कर दिया था निलंबित
मुलायम सिंह तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वीवीआईपी फ्लीट की जिस कार में से आ रहे थे, उसमें उनकी निजी सचिव आईएएस अनीता सिंह बैठी थीं। कार में दोनों को मच्छरों ने काट लिया। दरवाजा भी खराब हो गया था। इस पर पुलिस व परिवहन के कई अधिकारी निलंबित कर दिए गए थे। चालक के कहने पर आधा घंटे के अंदर ही निलंबन का आदेश नेता जी ने निरस्त करा दिया था।
नहीं खुला गाड़ी का दरवाजा
मुलायम सुमेर सिंह किला और सिद्धपीठ कालीवाहन मंदिर के सुंदरीकरण के बाद लोकार्पण करने आए थे। वह कार से कालीवाहन मंदिर जा रहे थे। रास्ते में मच्छरों के काटने पर मुलायम ने तत्काल गाड़ी रुकवाई। अफसर भागते हुए उनके पास पहुंचे। मामले की जानकारी हुई तो चेहरे की हवाइयां उड़ने लगीं। गाड़ी का दरवाजा नहीं खुला।
आधे घंटे के अंदर निलंबन का आदेश हुआ निरस्त
इस घटना को तत्कालीन प्रमुख सचिव और डीजीपी यशपाल सिंह ने तत्काल संज्ञान लिया और तत्कालीन एसपी के तबादला आदेश के साथ पुलिस व परिवहन विभाग के कई अधिकारियों के निलंबन का फैक्स भेज दिया। इस कार्रवाई से दोनों विभागों में खलबली मच गई थी। वीवीआईपी फ्लीट में मुख्यमंत्री की कार सलीम चलाता था।
मुलायम सिंह उसके नाम से भी वाकिफ थे। अधिकारियों ने कार चालक तक अपनी बात पहुंचाई कि घटना अनायास हुई, इसमें किसी का दोष नहीं है। बैठक के बाद सलीम जब मुलायम को सुमेर सिंह किला लेकर जा रहा था, तभी बातचीत के दौरान उसने अधिकारियों की सफाई मुलायम को बताई। सलीम की बात सुनकर मुलायम ने डीजीपी से फोन पर बात की। प्रमुख सचिव से कोई कार्रवाई न करने को कहा। आधे घंटे के अंदर निलंबन आदेश निरस्त हो गया।