इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
National Herald Corruption Case : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का शिकंजा गहराता जा रहा है। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि, ईडी ने खड़गे को समन भेजकर सोमवार को तलब किया था। (National Herald Corruption Case)
वह करीब 11 बजे प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे, इसके बाद से उनसे पूछताछ जारी है। नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी ‘एजेएल’ के पास था जो दो और अखबार भी छापा करती थी। हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज’। आजादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 के अंतर्गत इसे कर मुक्त भी कर दिया गया।
वर्ष 2008 में ‘एजेएल’ के सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज भी चढ़ गया। फिर कांग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया। (National Herald Corruption Case)
इस नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे। कांग्रेस ने कंपनी को 90 करोड़ बतौर ऋण भी दे दिया। इस कंपनी ने ‘एजेएल’ का अधिग्रहण कर लिया। भाजपा के नेता स्वामी ने 2012 में कांग्रेस के नेताओं पर ‘धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया।
(National Herald Corruption Case)