RamcharitManas Row: प्रदेश में शुरू हुआ रामचरित मानस विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार सरकार पर हमलावर हैं। उनका कहना है कि रामचरितमास से उस पंक्ति को हटाया जाना चाहिए जो कि शूद्रों को लेकर लिखी गई है। इस बाबत उन्होंने पीएम मोदी से भी सवाल किया है। स्वामी प्रसाद ने आज भी एक आक्रामक ट्वीट किया और दलितों, महिलाओं और पिछड़ों को लेकर अपनी बातों को रखा।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “मा। प्रधानमंत्री जी आप चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं। आरएसएस प्रमुख, भागवत जी कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई। तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरित्र मानस की आपत्तिजनक टिप्पड़ीयों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं।”
मा. प्रधानमंत्री जी आप चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं। आरएसएस प्रमुख, भागवत जी कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई। तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरित्र मानस की आपत्तिजनक टिप्पड़ीयों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 7, 2023
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को कहा था कि जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें। मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नही है।
बिहार के शिक्षा मंत्री के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि धर्म के नाम पर पिछड़ों और दलितों का अपमान बर्दास्त नहीं करेंगे। वहीं स्वामी का कहना है कि वो अपने बयान पर कायम हैं। आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान पर कायम है।