इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Petrol Diesel Price Relief can given by Rising Rate : महंगाई की मार झेल रही देश की जनता पर हर रोज बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दामों ने और भी बोझ डाल दिया है। हालात ये हैं कि 17 दिनों में 14 बार इनकी कीमतों में इजाफा किया जा चुका है। हालांकि, अब एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आम जनता को पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी योजना तैयार की है। आने वाले कुछ दिनों तक इनकी कीमतें स्थिर बनी रह सकती है। (Petrol Diesel Price Relief can given by Rising Rate)
सरकार ने तेल की बढ़ती कीमतों के बीच आम जनता को राहत देने के लिए जो योजना तैयार की है, उसके तहत पेट्रोल डीजल के दामों में फिर से स्थिरता बनी रह सकती है। सरकार की ओर से देश की प्रमुख तेल विपणन कंपनियों को इस तरह के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा ऐसी भी संभावना है कि अगर कच्चे तेल की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमी नहीं आती और दाम इसी तरह बढ़ते रहते हैं तो फिर सरकार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में भी कटौती का कदम उठा सकती है। ताकि आम जनता के बोझ को कम किया जा सके।
गुरुवार को देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया। वहीं बुधवार तक इनमें 14 बार बढ़ोतरी की जा चुकी थी। बीते सत्र दोनों के दाम 80-80 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। इन 17 दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम में 10 रुपये से ज्यादा की तेजी आ चुकी है। इस बीच सिर्फ तीन दिन 24 मार्च, एक अप्रैल और सात अप्रैल को ईंधन के दाम यथावत रहे थे। गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये पर पहुंच गई है, जबकि डीजल का भाव 96.67 रुपये प्रति लीटर के भाव से बिक रहा है। (Petrol Diesel Price Relief can given by Rising Rate)
बीते दिनों भी विपक्ष ने जब तेल की कीमतों को लेकर सरकार पर निशाना साधा था तो पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि ऐसा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुआ है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि देश की जनता को सस्ती कीमतों पर ईंधन उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का असर देश में पेट्रोल-डीजल के दामों पर भी पड़ता है। बता दें कि बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम अपने 2008 के बाद के उच्च स्तर पर 139 डॉलर/बैरल पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके बाद इसमें कमी देखने को मिली, लेकिन फिलहाल की बात करें तो इसका भाव लगातार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार बना हुआ है। कमोडिटी विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल में तेजी के संकट को रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने और भी बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि अगर लंबे समय तक हालात इसी तरह के बने रहते हैं तो जनता को और महंगाई का बोझ झेलना होगा। (Petrol Diesel Price Relief can given by Rising Rate)
बीते दिनों आई रिपोर्टों की बात करें तो कई में इस बात का अनुमान लगाया गया था कि तेल कंपनियां अपने घाटे की भरपाई करने के लिए एकदम पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी करने के बजाय धीमे-धीम दाम बढ़ाएंगी। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया था कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में आने वाले दिनों में क्रमश: 15 से 22 रुपये तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। इस बीच आपको बता दें कि जिस हिसाब से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में तेजी आ रही है उसे देखते हुए महंगाई के खतरे का हवाला देते हुए कई रेटिंग एजेंसियों ने भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान भी घटा दिया है।
(Petrol Diesel Price Relief can given by Rising Rate)