NCERT नें कक्षा 12वीं के पाठ्यक्रम में कुछ संशोधन किया है। इसमे एनसीईआरटी की ओर से कहा गया है कि कोविड काल के बाद बच्चों पर पाठ्यक्रम का भार ज्यादा है। यही कारण है कि पाठ्यक्रम में कुछ पाठो को पूर्ण रूप से हटाया गया है, वहीं कुछ में आंशिक संशोधन किया गया है। इस मामले को लेकर अब प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। सपा प्रमुख ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। वहीं माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने इस मामले पर सरकार का पक्ष लिया है। गुलाब देवी ने कहा है कि ये निर्णय NCERT का है।
गुलाब देवी ने कहा कि ये निर्णय NCERT का है। उन्होंने कहा कि जरूरत के हिसाब से निर्णय लिया होगा, इसमें हमारे विभाग की कोई भूमिका नहीं है। जो बच्चों को जरूरी है वो NCERT कर रहा है। माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का जल्द गठन होगा, नया आयोग ही टीईटी की परीक्षा कराएगा। उन्होंने कहा कि बेसिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक में शिक्षकों का चयन करेगा। प्राविधिक कॉलेजों में शिक्षकों का चयन करेगा। इससे पारदर्शिता आएगी कार्यों में एक रूपता आएगी। हमारे विभाग की किसी किताब में बदलाव नहीं किया गया है। गुलाब देवी ने कहा कि अखिलेश यादव विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। विपक्ष का होना भी ज़रूरी है।
‘राम की शक्तिपूजा’ जैसी कालजयी रचना के लेखक सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' जी की एक रचना को NCERT के पाठ्यक्रम से हटाया जाना अत्यंत आपत्तिजनक है।
भाजपा सरकार स्पष्टीकरण दे और तुरंत उप्र के अन्य कवियों की भी हटायी गयी रचनाओं को फिर से शामिल करवाए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 4, 2023
अखिलेश ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि “‘राम की शक्तिपूजा’ जैसी कालजयी रचना के लेखक सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ जी की एक रचना को NCERT के पाठ्यक्रम से हटाया जाना अत्यंत आपत्तिजनक है। भाजपा सरकार स्पष्टीकरण दे और तुरंत उप्र के अन्य कवियों की भी हटायी गयी रचनाओं को फिर से शामिल करवाए।”