India News(इंडिया न्यूज़),Prayagraj News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) की एक याचिका पर गुरुवार 25 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। आजम खान ने पट्टा निरस्त करने के योगी सरकार (Yogi Adityanath) के फैसले को चुनौती दी है और सरकार के इस फैसले को रद्द करने की मांग तक उठाई है। जस्टिस एस पी केशरवानी और जस्टिस अनीस कुमार गुप्ता की डिवीजन बेंच ने इस पर सुनवाई की।
संस्थान की जमीन मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के नाम करने का आरोप
दरअसल राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रामपुर में प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान की स्थापना का फैसला लिया था। संस्थान के नाम जमीन भी दी गई। लेकिन संस्थान का निर्माण नहीं हुआ। अब आरोप है कि आजम खां जब मंत्री थे तो 30 नवंबर 2014 को कैबिनेट प्रस्ताव से संस्थान की जमीन मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट सोसायटी के नाम पट्टा करा लिया। उस जमीन पर उन्होंने रामपुर पब्लिक स्कूल बना लिया। जहां पर लोक सेवकों की नियुक्ति होनी थी। वहां अपनी मर्जी से पब्लिक स्कूल में अधिकारियों की नियुक्ति की गई।
जानें, मामला
आजम खान को जमीन जिस बात को ध्यान में रख कर दी गई थी। उसकी प्रकृति बदल दी गई और रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण करवाया गया। सीएम योगी सरकार में 18 जनवरी 2023 को कैबिनेट निर्णय के तहत सोसायटी के नाम जारी पट्टा रद्द कर दिया गया और कैबिनेट ने जमीन वापस करने का आदेश तक जारी कर दिया। इसी फैसले को आज़म खां ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है, उनका कहना है कि उन्हें सुनवाई का मौका नहीं मिला।
सरकार का तर्क फर्जीवाड़ा कर सरकारी संस्थान की जमीन को किया गया प्राइवेट सोसायटी के नाम
आजम खान ने कहा है कि सरकार के आदेश में कैबिनेट के पूर्व निर्णय को पलटने का कारण में कोई स्पष्टता नहीं है। इसलिए आजम की इस याचिका में मांग है कि कैबिनेट का फैसला रद्द किया हो जबकि सरकार ने तर्क देते हुए कहा है कि फर्जीवाड़ा कर सरकारी संस्थान की जमीन को प्राइवेट सोसायटी के नाम कर दी गई थी।