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Prayagraj: सात समंदर पार से संगम तट पर पहुंचे साइबेरियन पक्षियों, तट पर लगाया चार चाँद

• LAST UPDATED : February 12, 2023

Prayagraj: सर्दियों का मौसम शुरु होते ही हर साल सात समंदर पार कर साइबेरियन पक्षियों (Siberian Birds) के समूह संगम तट पर पहुंच जाते हैं। जहां हर साल यह पर पर्यटकों को बिल्कुल अलग ही नजारा देखने को मिलता है। सर्दियों में संगम तट पर पानी की सतह सफेद चादर से ढंकी नजर आती है। वही इस दृश्य को ओर भी खूबसूरत यहां पर सात समंदर पार से पहुंचने वाले साईबेरियन पक्षियों बना देते है। संगम तट पर हजारों विदेशी मेहमानों के आने से जहां संगम की प्राकृतिक सौन्दर्य में और भी निखर आ जाता है। वहीं संगम में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही देशी-विदेशी पर्यटक भी इन विदेशी मेहमानों के कलरव को देखकर आनंद की अनुभूति करते हैं। संगम तट एक बार फिर से इन विदेशी मेहमानों से गुलजार नजर आ रहा है।

कैसा लगता है सर्दियों में संगम तट?

सर्दियों में संगम तट पर पानी की सतह सफेद चादर से ढंकी नजर आती है। वही इस दृश्य को और भी खूबसूरत यहां पर सात समंदर पार से पहुंचने वाले साईबेरियन पक्षियों बना देते है। जहां इस तट पर हजारों की तादाद में साइबेरियन पक्षियों के पहुंचने से न केवल यहां की सुन्दरता में चार चांद लग जाते हैं, बल्कि पानी की सतह पर कलरव करते ये विदेशी मेहमान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी अपनी ओर बरबस ही आकर्षित करते हैं। बस इतना हि नहीं यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक प्रकृति के इस अनुपम सौन्दर्य को अपने कैमरे में भी कैद करते हुए संगम तट पर नजर आते हैं।

किन रास्तों से पहुंचते हैं संगम तट

वहीं पक्षी एवं पर्यावरण विद् डॉ मोहम्मद आरिफ के मुताबिक ये विदेशी मेहमान सर्दियों में दो रास्ते से हि भारत में आते हैं। अगर साइबेरिया से सीधे भारत आते हैं तो 4800 किलोमीटर दूरी तय कर यहां पहुंचते हैं। जबकि झुण्ड में घूमते हुए 14620 किलोमीटर की लम्बी दूरी तय करके भी साइबेरिया से भारत आते हैं। जहां उनके मुताबिक साइबेरिया से यूरोप के विभिन्न देशों से होते हुए, साइबेरियन पक्षियों का समूह अफगानिस्तान, मंगोलिया पहुंचता है। यहीं से ये दो हिस्सों में बंट जाते हैं। साइबेरियन पक्षियों का एक समूह जहां चाइना चला जाता है और वहीं दूसरा समूह तिब्बत के रास्ते भारत में प्रवेश कर जाता है। भारत में साइबेरियन पक्षी राजस्थान के भरतपुर पक्षी विहार, भीरपुर, नरायणपुर कलान, देहरांव और प्रयागराज के संगम तट पर डेरा जमाते हैं। उनके मुताबिक साइबेरियन पक्षी पचास किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कई पड़ावों पर ठहरते हुए संगम पहुंचते हैं। सर्दियों में रुस के प्रान्त साइबेरिया में तापमान माइनस से 30 -40 डिग्री में पहुंच जाने पर ये विदेशी मेहमान हैबिटेट और ब्रीडिंग के लिए गर्म स्थानों की ओर रुख करते हैं। देश में साइबेरियन पक्षी अक्टूबर से मार्च तक का समय विभिन्न इलाकों में ब्यतीत करते हैं।

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