इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Weather Report)। मानसून के दूसरे दौर की बारिश से लोग त्राहिमाम करने लगे हैं। देश के पांच राज्यों से तबाही की खबर सामने आ रही है जहां 24 घंटों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से 33 लोगों की मौत हुई, जबकि 17 लापता हैं। हिमाचल में 22 लोगों की मौत हुई है। सबसे अधिक तबाही मंडी, कांगड़ा और चंबा में हुई। वहीं, उत्तराखंड में चार लोगों ने जान गंवाईं हैं। इसके अलावा ओडिशा में चार, जम्मू-कश्मीर में दो और झारखंड में एक की मौत हुई। इन राज्यों के कुछ इलाकों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है।
पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद गंगा, कोटावाली और मालन नदी का जलस्तर बढ़ गया है। संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में आई बाढ़ अब लोगों के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बनती जा रही है। बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में भी घुसने लगा है। बिजनौर बैराज पर तैनात अवर अभियंता पीयूष कुमार ने बताया कि खादर क्षेत्र के फतेहपुर प्रेम गांव के समीप 24 घंटे से गंगा का कटान चल रहा था। जिसे रोकने के लिए स्थानीय ग्रामीण जुटे हुए हैं। हरिद्वार के भीमगौडा बैराज से भी संपर्क साधकर गंगा के जलस्तर बढ़ने घटने की जानकारी ली जा रही है।
हमीरपुर में अब यमुना और बेतवा समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। बुधवार को फिर से डैमों से चार लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बेतवा नदी उफना गई जिससे कई गांवों का संपर्क कट गया है। फतेहपुर प्रेम के समीप कच्चे तटबंध को दुरुस्त करने के लिए ग्राम पंचायत मानपुर और रठौरा कलां के सैकड़ों श्रमिक लगाए गए हैं। बिहार के कई जिलों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इन जिलों में बक्सर, पटना, भोजपुर ,सारण शामिल हैं। इसके अलावा सहरसा, कटिहार, खगड़िया में भी बाढ़ का पानी निचले इलाके में प्रवेश कर गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
यह भी पढ़ेंः श्रीकांत के समर्थन में त्यागी समाज की महापंचायत आज