India News (इंडिया न्यूज),Rajiv Gandhi Death Anniversary: आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि है। आगरा में आज से ही करीब 33 साल पहले यानि साल 1990 में देशभर में चर्चित हुए पनवारी कांड के पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री आगरा आए हुए थे। उनका आगरा से कैसा जुड़ाव रहा है वो कांग्रेसियों के दिलोंदिमाग में अभी तक ताजा है। पनवारी कांड जब हुआ तब वह अपनी पत्नी सोनिया गांधी के साथ यहां आए थे। राजा की मंडी रेलवे स्टेशन पर वह ट्रेन से पहुंचे थे। यहीं से हजारों समर्थकों की भीड़ के साथ जीप में सवार होकर पनवारी कांड के पीड़ितों से मिलने पहुंचे।
हत्या से 5 दिन पहले भी आए थे पूर्व प्रधानमंत्री
कहा जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने 1991 में 21 मई को श्रीपेरंबदूर में हत्या से 5 दिन पहले 16 मई को वह आगरा में रामलीला मैदान आए हुए थे। यहीं पर उन्होंने रात में एक चुनावी जनसभा को संबोधित भी किया। एक कांग्रेस नेता के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी सबसे पहले 1982 में कांग्रेस महासचिव के तौर पर आगरा आए थे। तब उन्होंने आगरा काॅलेज के छात्रों के आंदोलन को संबोधित किया था। उस समय युवा आगरा में टेलीविजन की मांग उठा रहे थे। जिस पर पूर्व प्रधानमंत्री गांधी ने टीवी सेंटर के लिए वादा किया। इसके बाद वह 1990 में पनवारी कांड में और फिर मई 1991 में चुनावी सभा के लिए यहां आए थे। 1991 की इसी सभा में पूर्व पीएम ने आगरा को अपना घर बताया था।
सुरक्षा को लेकर हो गए थे लापरवाह
कहा जाता है कि इसी सभा के ठीक 5 दिन बाद उनकी हत्या कर दी जाती है। कहा तो यह भी जाता है कि राजीव गांधी अपनी सुरक्षा को लेकर हमेशा लापरवाह रहते थे। एक छोटा सा उदाहरण से समझिए 1991 में आगरा के रामलीला मैदान में जो सभा आयोजित की गई थी उसमें प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए बनाई गई डी में राजीव गांधी ने कार्यकर्ताओं और लोगों को बुला लिया था। इसके बाद वो जनता के साथ भीड़ में भी चले गए थे।