India News(इंडिया न्यूज़), Ram Mandir : कांग्रेस द्वारा रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार करने बाद भाजपा नेता लगातार उस पर हमला कर रहे हैं। इसी बीच भाजपा नेती व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह वही कांग्रेस है जिसने भगवान राम को काल्पनिक बताया था।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस का चरित्र और चेहरा कभी नहीं बदल सकता। यह वही कांग्रेस है जिसने भगवान राम को काल्पनिक बताया था, कांग्रेस बार-बार राम के नाम पर आलोचना करती है। इसमें कुछ भी नया नहीं है।
#WATCH कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस का चरित्र और चेहरा कभी नहीं बदल सकता…यह वो ही कांग्रेस है जिसने भगवान राम को काल्पनिक बताया था, यह वो ही कांग्रेस है जो बार-बार राम के नाम पर आलोचना… pic.twitter.com/K2EwKGB7Hw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 10, 2024
उन्होंने कहा कि आज जब कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया है तो साफ दिखता है कि देश की जनता भी आने वाले समय में इनका बहिष्कार करने वाली है।
वहीं, अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराए जाने पर केंद्रीय महिला एवं कल्याण और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी कर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का भगवान राम विरोधी चेहरा देश के सामने प्रस्तुत हो चुका है।
#WATCH पटना: मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राणप्रतिष्ठा' समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी का भगवान राम विरोधी चेहरा देश के सामने प्रस्तुत हो चुका है। यह कोई आश्चर्य की… https://t.co/EFGSyQ0x0m pic.twitter.com/LfB8S1GHnN
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मंत्री स्मृति ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में जिस पार्टी ने अदालत में दस्तावेज दिया था कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं है, उस कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने राम मंदिर के ‘प्राणप्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि सोनिया गांधी और कांग्रेस के नेतृत्व में INDIA गठबंधन ने बार-बार सनातन धर्म का अपमान किया है। अब INDIA गठबंधन के नेताओं द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करना उनकी सनातन विरोधी सोच को दर्शाता है।