Ramcharitmanas Row: प्रतापगढ़ में रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान पर लोगों में आक्रोश है। रामचरितमानस पर विवादित बयान के बाद समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या और रानीगंज विधायक डॉक्टर आरके वर्मा के खिलाफ नगर कोतवाली में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज किया गया है।
बता दें, समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में रामचरितमानस के बारे मे एक विवादित बयान दिया था। बयान में उन्होंने कहा था कि, करोड़ो लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, ये सब बकवास है। तुलसीदास ने सिर्फ अपनी खुशी के लिए रामचरितमानस को लिखा है। इसलिए सरकार को निर्णय लेते हुए रामचरितमानस में आपत्तिजनक अंश को बाहर करना चाहिए या फिर पुरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए।
स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद विधायक आर.के. वर्मा ने भी अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए रामचरितमानस पर आपत्तिजनकर ट्वीट किया था। उन्होंने ट्वीटर हैंडल पर लिखा कि, तुलसीदास भेदभाव, ऊँचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित कवि थे, जिनकी रामचरित मानस की अनेकों चौपाइयां जो संविधान विरोधी हैं। बता दें कि, आर.के. वर्मा ने ट्वीट के जरिए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए रामचरितमानस से उन चौपाइयों को हटाने की मांग की। साथ ही उन्होंने स्कूलों में तुलसीदास के पाठ्यक्रम को हटाने की मांग की।
रामचरितमानस पर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद रानीगंज के समाजवादी पार्टी के विधायक आर.के. वर्मा के जरिए दी गई अभद्र टिप्पणी से इलाके में जमकर नाराजगी जाहिर की है। जिसके बाद इस मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष मिश्रा ने नगर कोतवाली पुलिस से की। उन्होंने शिकायत में समाजिक तालमेल बिगाड़ने और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की आशंका जताई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा रानीगंज विधायक डॉक्टर आरके वर्मा के साथ दुसरे नेताओं के खिलाफ धारा 153 296 298 और 505 के तहत एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है।
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