India News (इंडिया न्यूज़), Ramlala Pran Pratishtha : अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने शंकराचार्यों के बीच मतभेद की खबरों का खंडन कर दिया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि राम मंदिर को लेकर चारों शंकराचार्यों में कोई मतभेद नहीं है। यह सरासर झूठ है।
मीडिया से बात करते हुए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह जरूरी है कि श्रीराम सही स्थान पर स्थापित हों। यह भी जरूरी है कि प्राण-प्रतिष्ठा शास्त्रों में बताए गए नियमों के अनुसार ही की जाए, क्योंकि इसमें मूर्ति की विधिवत स्थापना की जाती है। निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि किसी भी शंकराचार्य के बीच कोई मतभेद नहीं है। ऐसी सूचनाएं और अटकलें निराधार हैं। मतभेद की सूचना प्रामाणिक नहीं है।
VIDEO | "It's false, there are no differences between the four 'Shankaracharyas' (over Ram Temple 'pran prathistha' ceremony in Ayodhya)," says Puri Shankarcharya Nischalananda Saraswati.
(Source: Third Party) pic.twitter.com/LnOxNBQWw7
— Press Trust of India (@PTI_News) January 13, 2024
उन्होंने कहा कि पूजा विधि और शास्त्र का पालन न करने पर चारों दिशाओं के साथ-साथ भूत, पिशाच जैसी शक्तियों का नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना रहती है। अत: शास्त्रों के अनुसार ही भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की जानी चाहिए। पूजा भी वेद-शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए।
इससे पहले चार मठों के शंकराचार्यों के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने की खबर आई थी। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने शुक्रवार को कहा कि चार में से दो शंकराचार्यों ने अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का खुले तौर पर स्वागत किया है।
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