इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Repo Rate Hikes By 50 Basis Points)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समिति की बैठक के नतीजे बुधवार को घोषित किए गए। गवर्नर शक्तिकांत दास ने परिणामों की घोषणा करते बताया कि बैठक में नीतिगत ब्याज दरों या रेपो दरों में 50 बेसिस प्वाइंट या 0.50 फीसदी बढ़ोतरी का फैसला लिया। यानी रेपो रेट पर 4.40 से बढ़कर 4.90 हो जाएगा। इससे लोन की ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा।
इससे पहले देश में बढ़ती महंगाई रोकने को मई माह में आरबीआई ने बिना पूर्व सूचना के एमपीसी की बैठक का आयोजन किया था। इसमें रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ा दिया गया था। इसके बाद ये दरें 2020 से एतिहासिक निचले स्तर यानी चार फीसदी पर रहने के बाद अचानक से 4.40 फीसदी हो गईं। इस इजाफे के बाद आरबीआई गवर्नर ने भी पहले ही संकेत दे दिए थे कि रेपो दरों में जून में होने वाली बैठक में और बढ़ोतरी की जा सकती है।
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के नतीजों का एलान करते हुए कहा कि देश में महंगाई बढ़ रही है और वैश्विक घटनाक्रमों के चलते सप्लाई चेन प्रभावित हुई है। इस बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई को सख्त कदम उठाना पड़ा है। देश में खुदरा महंगाई दर आठ साल के शिखर पर पहुंचते हुए अप्रैल में 7.79 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि थोक महंगाई दर 15 फीसदी के पार पहुंच गई है। उन्होंने क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों और देश में टमाटर के दाम आसमान पर पहुंचने का भी जिक्र किया।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने महंगाई में इजाफे में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन इसके बावजूद देश की अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है। रेपो दरों में बढ़ोतरी के साथ ही आरबीआई ने एमएसएफ को 50 बीपीएस बढ़ाकर 5.15 फीसदी, स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) को बढ़ाकर 4.65 फीसदी कर दिया है। लोन लेने वाले ग्राहकों को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि रेपो दरों में वृद्धि के चलते होम, ऑटो और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे और ग्राहकों की ईएमआई में इजाफा हो जाएगा।
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