इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (RBI Repo Rate)। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ा दिया है। आरबीआई के इस फैसले से रेपो रेट की दर 4.9% से बढ़कर 5.40% हो गई है। फैसला वर्तमान प्रभाव से लागू होगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस फैसले की जानकारी दी। इससे पहले बीते तीन अगस्त से आरबीआई की समिति इस मसले पर मंथन कर रही थी। आरबीआई गवर्नर ने तीन दिनों (तीन अगस्त से पांच अगस्त) तक चली एमपीसी की बैठक के बाद इस फैसले का एलान किया।
अंदेशा जताया जा रहा था कि आरबीआई अपनी इस बैठक में रेपो रेट को एक बार फिर बढ़ा सकता है। बता दें कि पिछली बार हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया था। मई महीने में हुई एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90% कर दिया गया था। बता दें कि जून के महीने में महंगाई की दर 7.01% रही। लगातार छठी बार महंगाई की दर आरबीआई की तय सीमा छह फीसदी से अधिक रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक बाजार में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट का इस्तेमाल करता है। जब बाजार महंगाई की गिरफ्त में होती है तब आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता है। बढ़ी हुई रेपो रेट का मतलब होता है कि जो बैंक आरबीआई से पैसे लेंगे उन्हेंं वह पैसा बढ़ी हुई ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे में ब्याज दर बढ़ने से बैंक आरबीआई से कम पैसा लेंगे और बाजार में मुद्रा के प्रवाह नियंत्रण बना रहेगा। बैंक महंगे दर पर आरबीआई से लोन लेंगे तो वे महंगे दर पर आम लोगों को भी लोन जारी करेंगे।
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