होम / Real Tribute to CDS Rawat : सीडीएस रावत को असली श्रद्धांजलि, उत्तराखंड का ईमानदारी से हो विकास

Real Tribute to CDS Rawat : सीडीएस रावत को असली श्रद्धांजलि, उत्तराखंड का ईमानदारी से हो विकास

• LAST UPDATED : December 12, 2021

अजीत मैंदोला

Real Tribute to CDS Rawat : देश के प्रथम सीडीएस विपिन रावत का आकस्मिक निधन देश के लिये तो बहुत बड़ी क्षति है ही, लेकिन उनके गृह राज्य उत्तराखंड के लिये बड़ा झटका है। उत्तराखंड वासियों के लिये वे बड़ी उम्मीद थे। उत्तराखंड के विकास के लिये वे हमेशा चिन्तित रहते थे। वे कहते भी थे कि ठीक से प्लांनिग हो तो उत्तराखंड दुनिया मे अपनी छाप छोड़ सकता है, लेकिन दुर्भाग्य देखिये कि उनके गांव सेण  में आज तक सड़क नही पहुंच पाई। पौड़ी मुख्यालय से 43 किमी दूर बसे सेंण गांव की सड़क को बीजेपी के चार साल में बदले तीन मुख्यमंत्री भी नही बनवा पाए। असल मे 20 साल के उत्तराखण्ड की सच्चाई यही है। विकास के नाम पर पहाड़ को केवल ठगा गया है।

सैकड़ों गांवों का विकास नहीं (Real Tribute to CDS Rawat)

आज भी सैकड़ों गांव विकास के लिये जूझ रहे हैं। सबसे ज्यादा सड़कों को लेकर हालत चिंताजनक है। चुने जाने वाले विधायक हों या सांसद एक बार चुनाव जीतते ही अधिकांश का लक्ष्य अपना विकास होता है।कमीशन के बिना कोई काम नही होता है। 20 साल पहले राज्य के गठन के बाद से सरकार किसी की भी रही हो माफिया ही मजबूत होते गए।लंबी सूची है।जमीन माफिया,खनन माफिया,शराब माफिया, होटल माफिया इनका ही राज है।ईमानदारी से जांच हो तो पता चलेगा अधिकांश जनप्रतिनिधियों के आशीर्वाद से माफिया पनप रहे हैं।कोटद्वार,रामनगर,हल्द्वानी,देहरादून के आसपास की नदियों में खुले आम खनन इसका सबूत है।होटल माफियाओं ने भी बिना योजना और कायदे कानूनों को ताक में रख ऐसा जाल फेला दिया कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।नेताओं के आशीर्वाद से जमीन माफिया में ओने पोने दामों में जमीन खरीदने की होड़ है। पहाड़वासी भी जमीन बेच तराई में बसने लगा।हो सकता है नए परिसीमन के बाद वोटर न होने के चलते पहाड़ में गिनती की सीटे रह जाएंगी।

पहाड़ का पानी और जवानी (Real Tribute to CDS Rawat)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अभी हाल के देहरादून दौरे पर कहा कि पहाड़ का पानी औऱ जवानी अब पहाड़ के ही काम आएगी।प्रधानमंत्री मोदी के फैसलों से लगता है कि वह उत्तराखण्ड का ईमानदारी से विकास चाहते हैं।उनकी महत्वकांशी योजनाएं रंग लाती दिख भी रही हैं।लेकिन सवाल फिर वही है कि उनकी सरकार के मंत्री और विधायकों की नीयत क्या साफ है?जवाब एक ही है विधायकों की नीयत साफ नही है। बीजेपी के अधिकांश विधायकों की हालत यह है कि जनता उन्हें हराना चाहती है।प्रधानमंत्री मोदी चेहरा न हों तो आगामी चुनावों में 8से 10 विधायक ही मुश्किल से जीत पाएंगे।क्षेत्र में रहने के बजाए अधिकांश विधायकों ने देहरादून में घर बना लिये हैं।विधायकों की सिफारिश पर राज्य सरकार काम करती है।इसी सिफारिश में ही कमीशन खाया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता बरकरार (Real Tribute to CDS Rawat)

इसमें कोई दो राय नही है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता उत्तराखण्ड में बरकरार है।बीजेपी यदि जीती तो मोदी की वजह से ही जीतेगी।मोदी की अगुवाई में जब पिछली बार भारी बहुमत मिला था तो उम्मीद की जा रही थी पहाड़ में विकास होगा।गांव गांव तक अच्छी सड़कें बनेगी।तेजी से विकास होगा।लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ।चार साल तक सरकार के मंत्रियों में खाने कमाने की होड़ मची रही।समझ मे ही नही आ रहा था कि उत्तराखंड में कोई सरकार है भी।हालत सुधारने के लिये तीन तीन मुख्यमंत्री बदले गए।विपक्ष की भी कमोवेश वही स्थिति रही।कोई बड़ा आंदोलन कांग्रेस खड़ा नही कर पाई।बचे खुचे नेता आपस मे लड़ते रहे।चुनाव साल में हरीश रावत को नेता के रूप में वापस भेजा गया।अब वह अकेले संघर्ष कर रहे हैं।लेकिन मोदी के तिलिस्म को तोड़ना मुश्किल दिख रहा है।

सात साल में उत्तराखंड को महत्व मिला (Real Tribute to CDS Rawat)

क्योकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सात साल के कार्यकाल में उत्तराखण्ड को बड़ा महत्व दिया गया।एक समय देश की सुरक्षा से जुड़े सभी पदों पर उत्तराखण्ड   का ही बोलबाला था।विपिन रावत सेना प्रमुख थे तो अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार।इनके साथ रॉ प्रमुख अनिल धस्माना,डीजीएमओ राजेन्द्र सिंह,कोस्टगार्ड  अनिल भट्ट भी उत्तराखण्ड से ही थे।यही नही प्रधानमंत्री कार्यालय में भी कुछ अफसर आज भी उत्तराखण्ड से ही हैं।यही एक सबसे बड़ी वजह है कि इन सात साल में प्रधानमंत्री मोदी की पहाड़ में लोकप्रियता कम नही हुई।पहाड़वासी इसी बात से खुश था कि सेना के सर्वोच्च पद पर उत्तराखण्ड के विपिन रावत हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने भी देश की सुरक्षा का जिम्मा उत्तराखण्ड दो सूरमाओं विपिन रावत ओर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में अजीत डोभाल को दिया था।रावत और डोभाल की जोड़ी ने साबित भी किया कि वह देश के दुश्मनों को करारा जवाब दे सकते हैं।आंतरिक सुरक्षा का मामला रहा हो या सीमा का मोदी सरकार की नीतियां सफल रही।अब जबकि जोड़ी टूट गई।

(Real Tribute to CDS Rawat)

Read More: Muzaffarnagar Crime : अनपढ़ ने यू ट्यूब पर सीखा तमंचा बनाना

Connect With Us: Twitter Facebook

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox