इंडिया न्यूज, वॉशिंगटन (FBI Raid)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के घर अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने छापा मारा। इस छापेमारी के बाद वहां बवाल मच गया है। इसे लेकर पूरी दुनिया में हलचल है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आलीशान पॉम हाउस और रिजॉर्ट मार-ए-लीगो पर सोमवार देर रात (भारत में मंगलवार तड़के) छापा मारा। जांच एजेंसी के एजेंट ट्रंप के घर को घेर लिए और तलाशी ली। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि एफबीआई ने इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी। ट्रंप का यह निवास फ्लोरिडा में पाम बीच पर है।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए अपने एक वक्तव्य में कहा कि मेरे पॉम बीच स्थित खूबसूरत घर मार-ए-लीगो को एफबीआई ने कब्जे में ले लिया है। यहां की तलाशी ली जा रही है। यहां एफबीआई के एजेंट मौजूद हैं। मीडिया ने जब एफबीआई के प्रवक्ता से इस संबंध में और जानकारी के लिए संपर्क साधा तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पूर्व राष्ट्रपति ने यह नहीं बताया कि एफबीआई के एजेंट मार-ए-लागो में क्यों पहुंचे? उन्होंने कहा कि छापे का कोई नोटिस नहीं दिया गया था।
ट्रंप का कहना है कि छापामार टीम ने मेरी सेफ को भी तोड़ दिया है। ट्रंप ने कहा कि एफबीआई की यह कार्रवाई बदले की राजनीति है। यह अमेरिका के लिए बुरा वक्त है, जब जांच एजेंसी ने 45 वें राष्ट्रपति के घर पर छापा मारा है। अमेरिका में किसी पूर्व राष्ट्रपति के साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। संबंधित जांच एजेंसियों की मदद करने व उनका सहयोग करने के बावजूद बगैर सूचना दिए मेरे घर पर छापा मारा गया है। यह अनावश्यक व अनुचित है।
यह कार्रवाई ऐसे वक्त की गई है, जब जब 6 जनवरी मामले में चयन समिति ने हालिया सुनवाई में कहा था कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने बेकाबू भीड़ को रोकने में दखल नहीं देने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उनके समर्थकों ने यूएस कैपिटल पर हमला किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, उसके साथ बातचीत ट्रंप के करीबियों ने बताया कि यह कार्रवाई बिना किसी नोटिस के हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छापे के दौरान ट्रंप घर में मौजूद नहीं थे। वह अभी न्यूजर्सी में हैं।
एफबीआई के छापे से बुरी तरह भड़के ट्रंप ने कहा कि यह अभियोजन पक्ष का कदाचरण है और न्याय प्रणाली का शस्त्रीकरण है। यक कट्टरपंथी डेमोक्रेट्स का हमला है, जो हताश होकर मुझे 2024 का चुनाव लड़ने से रोकना चाहते हैं। हाल के चुनावों को देखते हुए वे इसमें खासतौर से अडंगे डाल रहे हैं। आगामी मध्यावधि चुनाव में वे रिपब्लिकन और कंजरवेटिव को रोकने के लिए कुछ भी करेंगे।
ट्रंप ने अमेरिका में भ्रष्टाचार अल्प विकसित (थर्ड वर्ल्ड) देशों के स्तर तक पहुंचने का आरोप लगाते हुए इस कार्रवाई की तुलना वाटरगेट कांड से कर दी। उन्होंने सवाल किया कि इस कार्रवाई और वाटरगेट में क्या अंतर है? वाटरगेट कांड के वक्त जांच एजेंसियों ने डेमोक्रेट नेशनल कमेटी पर छापेमारी की थी। बता दें, वाटरगेट कांड अमेरिकी इतिहास का बड़ा राजनीतिक स्कैंडल है। यह 1972 से 1974 तक अमेरिकी राष्ट्रपति रहे रिचर्ड निक्सन के कार्यकाल के दौरान हुआ था और इसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
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