Sections of Accident Removed from Lakhimpur Kheri Case : लखीमपुर खीरी कांड से हटाईं गईं हादसे की धाराएं, हत्या और जानलेवा हमले की साजिश का केस दर्ज

इंडिया न्यूज, लखीमपुर खीरी।

Sections of Accident Removed from Lakhimpur Kheri Case : लखीमपुर हिंसा हत्या कांड में तीन महीने बाद बड़ा बदलाव सामने आया है। जांच कर रही टीम ने मामले में नई धाराएं बढ़ाते हुए दुर्घटना की जगह सोची समझी हत्या की साजिश बताया है। अब तक एसआईटी ने एक्सीडेंटल केस के साथ ही विकल्प के रूप में हत्या की धाराओं के साथ केस दर्ज किया हुआ था। (Sections of Accident Removed from Lakhimpur Kheri Case)

वहीं एसआईटी से जुड़े मुख्य विवेचक विद्याराम दिवाकर ने साफ कर दिया कि बारीकी से जांच करने पर ये स्पष्ट हुआ है कि लापरवाही और उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए मृत्यु कारित करने का दुर्घटना मामला नहीं है। बल्कि ये सोची समझी साजिश के चलते भीड़ को कुचलने, हत्या करने और हत्या के प्रयास के साथ ही अंग भंग करने की साजिश का साफ साफ मामला है। इसलिए केस को परिवर्तन करते हुए हत्या और हत्या के प्रयास के साथ ही अंग भंग करने की धाराएं लगाई जानी चाहिए।

इन धाराओं के अंतर्गत दर्ज हुआ मामला (Sections of Accident Removed from Lakhimpur Kheri Case)

साथ ही विवेचक ने अपनी रिपोर्ट देते हुए बताया कि एक्सीडेंटल केस से जुड़ी धाराओं को हटाया जा रहा है। इसलिए जेल में बंद आरोपियों पर से धारा 279, 337, 338, 304ए की धाराएं हटाई जा रही हैं और एकराय होकर जानलेवा हमला करने और अंगभंग करने की धाराएं बढ़ाई जाती हैं, इनमें 120बी, 307, 326 आईपीसी की धाराएं बढ़ाई गई हैं। (Sections of Accident Removed from Lakhimpur Kheri Case)

नवंबर महीने में लखीमपुर हिंसा मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जांच की निगरानी की जिम्मेदारी पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन को दी थी। साथ ही कोर्ट ने मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम में तीन वरिष्ठ आईपीएएस आधिकारियों की भी नियुक्ति की थी। इसमें पद्मजा चौहान, दीपेन्द्र सिंह, एसबी सिरोडकर का नाम शामिल थे।

तीन अक्टूबर को हुई थी हिंसा (Sections of Accident Removed from Lakhimpur Kheri Case)

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि मामले में रोजाना की जाने वाली जांच कि कार्रवाई की निगरानी पंजाब और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राकेश कुमार जैन करेंगे. कोर्ट ने पहले ही बता दिया था कि मामले की जांच की निगरानी के लिए रिटायर्ड जज की नियुक्ति की जा सकती थी। (Sections of Accident Removed from Lakhimpur Kheri Case)

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पूर्व जज की निगरानी में लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में प्रतिदिन के आधार पर राज्य की एसआईटी द्वारा जांच कराने के सुझाव पर सहमति जताई थी। बता दें कि तीन अक्टूबर को हुई इस हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी।

(Sections of Accident Removed from Lakhimpur Kheri Case)

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