लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विवादित बयान ( RamcharitManas Row ) को लेकर चर्चा में है। बीजेपी उनके सहारे सपा पर लगातार हमला कर रही है। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य रोज नए नए ट्वीट कर विवाद में नया एंगल जोड़ रहें है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वो पिछड़ों और दलितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर हो रहे महिलाओं, पिछड़ो और दलितों के अपमान को वो बर्दास्त नही करेंगे।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सरकार से रामचरित मानस की उस पंक्ति को हटाने की मांग कर रहे हैं जिनमें उनका कहना है कि ये शूद्रों की भावनाओं को आहत करती है। इस मसले को लेकर पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि उस पंक्ति को किताब से हटाया जाए या फिर रामचरितमानस पर रोक लगाया जाए। इस मामले में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।
रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों के आपत्तिजनक अंश जिसमें समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को सामाजिक, धार्मिक स्तर पर नित्यप्रति अपमानित होना पड़ता है, को संशोधित/प्रतिबंधित करने एवं पीड़ित वर्ग को सम्मान दिलाने हेतु पत्र मा. राष्ट्रपति जी व मा. प्रधानमंत्री जी को प्रेषित। pic.twitter.com/rLmuoFKgRs
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 8, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “मानस की आपत्तिजनक कुछ चौपाइयों को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही लोग महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के 97% आबादी के सम्मान के विरोधी हैं।”
मानस की आपत्तिजनक कुछ चौपाइयों को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही लोग महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के 97% आबादी के सम्मान के विरोधी हैं।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 8, 2023
एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि “रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों के आपत्तिजनक अंश जिसमें समस्त महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को सामाजिक, धार्मिक स्तर पर नित्यप्रति अपमानित होना पड़ता है, को संशोधित/प्रतिबंधित करने एवं पीड़ित वर्ग को सम्मान दिलाने हेतु पत्र मा. राष्ट्रपति जी व मा. प्रधानमंत्री जी को प्रेषित।”
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