इंडिया न्यूज, वाराणसी।
The hymns of Shiva Sukta and Chaturveda will Resonate in Vishwanath Dham : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण-सुंदरीकरण के बाद बाबा दरबार से गंगधार तक 5,27,730 वर्ग फीट तक का क्षेत्र निखर उठा है। श्रद्धालु सुविधाओं के लिए चुनार के गुलाबी पत्थरों से बने भवनों की कतार और इनकी साज-संवार आकर्षित कर रही है।
अब इंतजार है 13 दिसंबर का जब श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चकों के साथ ही देश भर से आए 200 संत-महंतों के स्वरों में चारों वेदों की ऋचाएं गूंजेंगी। रवि योग के संयोग में गणेश अथर्वशीर्ष और शिव सूक्त पाठ के बीच प्रधानमंत्री विस्तारित श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे। इससे पहले पीएम काशीपुराधिपति का षोडशोपचार पूजन करेंगे।
देश भर से मंगाए गए प्रमुख नदियों व तीर्थों के जल से बाबा का अभिषेक करेंगे। इसे संत-महंत लेकर बनारस आएंगे। इस खास आयोजन में समस्त ज्योतिर्लिंगों, बड़े देवालयों, पीठों व अखाड़ों के संत-महंतों को आमंत्रित किया जा रहा है। धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से अखिल भारतीय संत समिति को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। (The hymns of Shiva Sukta and Chaturveda will Resonate in Vishwanath Dham)
लोकार्पण से पूर्व के समस्त अनुष्ठान श्रीकाशी विद्वत परिषद के निर्देशन में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर से अर्चकगण करेंगे। लोकार्पण समारोह का प्रसारण देश भर के समस्त देवालयों, तीर्थों व सार्वजनिक स्थलों पर किया जाएगा। इसके लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी ताकि देश भर के सनातन धर्मावलंबी खास आयोजन के साक्षी बन सकें।
लोकार्पण अवसर पर 12 से 14 दिसंबर तक गंगा के घाटों के साथ ही शहर की प्रमुख इमारतों को विद्युत झालरों से सजाया जाएगा। दिवस विशेष पर घर-घर दीप जलाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद आह्वान किया है। इसके अलावा एक से 10 दिसंबर तक काशी के प्रमुख मंदिरों में अलग-अलग दिन शाम पांच से सात बजे तक भजन-कीर्तन होंगे। शिक्षा विभाग की ओर से एक से दस दिसंबर के बीच विभिन्न विद्यालयों में रंगोली, पेंटिंग, वाद -विवाद प्रतियोगिता व क्विज का आयोजन किया जाएगा। (The hymns of Shiva Sukta and Chaturveda will Resonate in Vishwanath Dham)
वार्डवार नित्य सुबह भजनों के बीच प्रभात फेरियां भी निकाली जाएंगी। जिला प्रशासन इसका खाका खींचने के साथ मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अधिक से अधिक जनसहभागिता के प्रयास में जुटा हुआ है।
(The hymns of Shiva Sukta and Chaturveda will Resonate in Vishwanath Dham)
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