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घाटी में हिंदुओं की हत्या से हड़कंप, जम्मू-कश्मीर से तेज हुआ पलायन

• LAST UPDATED : June 3, 2022

इंडिया न्यूज, श्रीनगर (Jammu Kashmeer News)। घाटी में स्थानीय कश्मीरी पंडितों और प्रवासी हिंदुओं की चुन-चुनकर हत्या किए जाने से दहशत है। इस साल अब तक 16 लोगों की टारगेट किलिंग हुई है। इन पर रोक न लगने से कश्मीर में काम करने वाले सरकारी कर्मियों का पलायन स्टार्ट है। यही नहीं प्रवासी मजदूर और कैंपों में रह रहे कश्मीरी पंडित भी घाटी छोड़ रहे हैं। कई कर्मियों ने तो मौजूदा हालातों पर कहा कि स्थिति अब 1990 से भी बिगड़ चुकी है। ऐसे में यहां रुकना खतरनाक है। पीएम रिलीफ पैकेज के तहत काम करने वाले सरकारी कर्मचारी अपने सामान को भरकर किसी तरह सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं।

खीर भवानी मेले का बहिष्कार

पीएम रिलीफ पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले कर्मचारी राहुल कौल ने कहा कि घाटी में हालात 1990 से भी खराब हो गए हैं। उन्होंने बिहार के एक मजदूर और बैंक में घुसकर राजस्थान के मैनेजर विजय कुमार की हत्या का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब तक हमारे 30 से 40 परिवार घाटी छोड़ चुके हैं क्योंकि उनकी मांगें पूरी नहीं हो सकी हैं। कर्मचारी अजय ने कहा कि आज के कश्मीर के हालात 1990 से भी खतरनाक हैं। बड़ा सवाल यह है कि हमारे लोगों को उनकी कॉलोनियों में ही क्यों लॉक किया जा रहा है। क्या प्रशासन अपनी असफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रहा है?

पंडितों का घर है घाटी

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कश्मीरी पंडितों में खौफ को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उनका एक बार फिर से पलायन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कश्मीर पंडितों का घर हैं और हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि उन्हें सुरक्षित महसूस कराएं। सिर्फ जुबानी जमाखर्च से यह काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस पूरे मसले को सही से हैंडल नहीं कर पा रही है और हालात 1990 जैसे हो चले हैं।

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