Today International women’s Day 2023: आज पूरा देश एक तरफ जहां धूमधाम से होली मना रहा है तो वहीं दूसरी तरफ 8 मार्च को ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी मना रहा है। इस लेख में आज हम आपको बताएंगे आखिर क्या है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का कारण, इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम। महिला दिवस एक लैंगिक समान दुनिया के लिए आह्वान भी करता है। जो रूढ़ीवादी मानसिकता और भेदभाव से ऊपर है।
इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “इक्विटी को गले लगाओ” #EmbraceEquity है। इक्विटी सिर्फ एक अच्छी चीज नहीं है, यह जरूरी है। लैंगिक समानता पर ध्यान देना हर समाज के डीएनए का अहम हिस्सा होना चाहिए। इसके साथ ही Equity और Equality के बीच क्या अंतर है। उसे समझना जरूरी हो जाता है। इस थीम का उद्देश्य दुनिया को क्यों समान अवसर प्राप्त नहीं है के बारे में बात करना है।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार उत्री अमेरिका और यूरोप में 20वीं सदी के आरंभ में श्रमिकों के आंदोलनों से उभरा। यूनेस्को के अनुसार- “पहली राष्ट्रीय महिला दिवस 28 फरवरी 1909 को संयुक्त राज्य अमेरिका में मनाया गया था। जिसको सोशलिस्ट पार्टी अमेरिका ने न्यूयॉर्क ने 1908 में श्रमिकों की हड़ताल के सम्मान में समर्पित किया था। जहां पर इन महिलाओं ने कठोर कामकाजी व्यवस्था का विरोध किया था।
1945 में संयुक्त राष्ट्र का चार्टर महिलाओं और पुरूषों के बीच समानता के सिद्धांत को स्थापित करने वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय समझौता बन गया। लेकिन 1975 में अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष के दौरान 8 मार्च को ही संयुक्त राष्ट्र ने अपना पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। सन् 1977 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को 8 मार्च को महिलाओं के अधिकारों दुनियाभर में शांति स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र अवकाश के रूप में मान लिया गया तब से आज तक 8 मार्च को ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।