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Umesh Pal Murder Case: बरेली सेंट्रल जेल में हुई थी उमेश पाल की हत्या की पूरी प्लानिंग, मामले में दो सिपाही समेत 5 लोग अरेस्ट

• LAST UPDATED : March 13, 2023

प्रयागराज के उमेश पाल (Umesh Pal Murder Case) की हत्या की पूरी प्लानिंग जहां बरेली सेंट्रल जेल में हुई। वहीं इस मामले में बरेली पुलिस ने पीलीभीत जेल के सिपाही मनोज कुमार को अरेस्ट कर लिया है। जेल में अवैध तरह से मिलाई कराने वालों में अभी तक दो सिपाही समेत 5 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। मिली जानकारी के अनुसार जेल का सिपाही मनोज कमार तीन माह पहले ही बरेली सेंट्रल जेल से पीलीभीत जेल ट्रांसफर हुआ। बता दें कि 11 फरवरी को शूटर बरेली जेल में अशरफ से मिले थे। 24 फरवरी को प्रयागराज में हत्या कर दी गई।

बाहुबली अतीक का भाई है अशरफ

जेल में बंद अशरफ, बाहुबली अतीक का भाई है। बरेली जेल में बंद अशरफ इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। इसका खुलासा जेल की CCTV फुटेज और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में हुआ है। उमेश पाल जिस राजू पाल हत्याकांड में गवाह थे, इसी हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ भी मुख्य आरोपी है।

प्रयागराज में उमेश की हत्या 24 फरवरी को गोली और बम बरसाकर की गई। जिसमें दो सिपाही भी मारे गए। हत्याकांड से ठीक 13 दिन पहले अशरफ से 9 शूटर मिलने आए। 11 फरवरी को अतीक का बेटे असद, विजय उर्फ उस्मान चौधरी, गुड्‌डू मुस्लिम और गुलाम और अन्य पांच आरोपियों ने फर्जी आईडी से अशरफ से मुलाकात की।

अशरफ से जेल में कई लोगों ने की थी मुलाकात

गौर हो कि 24 फरवरी को इन्हीं लोगों ने ताबड़तोड़ गोली और बम मारकर दिनदहाड़े उमेश पाल को मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में बरेली जेल के सिपाही शिवहरि जिसे जेल भेजा था। उसने कई राज खोले। जिसके बाद अब सिपाही मनोज कुमार को अरेस्ट किया गया है। बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से जेल में मुलाकात करने वालों की लंबी लिस्ट है।

अभी तक पुलिस, बरेली जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी समेत 4 को जेल भेज चुकी है। वहीं पांचवा आरोपी मनोज कुमार है, जो इस समय पीलीभीत जेल का सिपाही है। यह भी पूर्व में बरेली जेल में अवैध तरह से पैसे लेकर अतीक के गुर्गों को अशरफ से मिलवाता था। पांच दिन पहले बरेली जेल के सिपाही शिव हरि और दयाराम को अरेस्ट किया गया।

जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी, कैंटीन में फल और सब्जी पहुंचाने वाला दयाराम उर्फ नन्हे, राशिद और फुरकान अरेस्ट किए जा चुके हैं। राशिद और फुरकान दोनों ही बिना पर्ची और आईडी के जेल में अतीक अहमद के भाई अशरफ से मिलते थे। पूछताछ में पता चला कि जेल के गेट से लेकर अंदर तक कोई रोकता नहीं था। बरेली जेल से ही व्हॉसएप कॉल की गई, जिसके बाद 24 फरवरी को शूटरों ने प्रयागराज में उमेशपाल की हत्या कर दी।

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