UP Budget Session 2023: बसपा के इकलौते सदस्य उमा शंकर सिंह ने कहा, कानपुर देहात में मां-बेटी की जान जाने- गन्ने के दाम नहीं बढ़ाने जैसे मुद्दे उठाएंगे, सरकार ने किया पलटवार

(Uma Shankar Singh, the only member of BSP said, will raise issues like loss of life of mother and daughter in Kanpur Dehat, not increasing the price of sugarcane, the government retaliated): यूपी (UP) विधानमंडल का आज से बजट सत्र शुरू हो गया। यह योगी सरकार 2.0 का दूसरा बजट है। अभी कुछ दिनों पहले कानपुर देहात (Kanpur Dehat Case) जिले में एक हादसा हुआ था जिसमें मां-बेटी की हाल में मौत हुई थी। जहां पर विधानसभा सत्र में अब कानून-व्यवस्था और महंगाई समेत अन्य मामलों को लेकर हंगामेदार रहने की संभावना है। दरअसल, विपक्ष ने अब बीजेपी सरकार को घेरने की योजना बना ली है। वहीं, राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से बोला है कि विपक्ष के पास सदन के पटल पर उसे घेरने के लिए कोई मुद्दा ही नहीं है।

उठाएंगे कानपुर देहात मामला

सपा ने 15 फरवरी को कहा था कि वह उत्तर प्रदेश विधानसभा में कानपुर देहात जिले में एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान कथित तौर पर आत्मदाह के कारण एक महिला और उसकी बेटी की मौत का मुद्दा उठाएगी। सपा नेताओं ने कहा कि सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए इस मामले पर प्रमुखता से चर्चा की मांग होगी।

सरकार से पूछेंगे कई गंभीर सवाल

विपक्षी दलों के नेताओं ने यह भी कहा है कि हाल में लखनऊ में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ की मेजबानी करने वाली राज्य सरकार से यह भी पूछा जाएगा कि पिछली बैठकों में किए गए निवेश के कितने फीसदी वादे को धरातल पर लागू किया गया है। विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के इकलौते सदस्य उमा शंकर सिंह ने कहा कि कानपुर देहात में मां-बेटी की जान जाने और राज्य सरकार द्वारा गन्ने के दाम नहीं बढ़ाने का मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा।

डिप्टी सीएम ने किया पलटवार

यूपी सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी दलों के विचारों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘विपक्ष के पास (सरकार को घेरने के लिए) कोई मुद्दा नहीं है। जहां तक कानपुर देहात की घटना का संबंध है, कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने साफ कहा है कि दोषी व्यक्तियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच होगी, जिन्होंने राज्य सरकार के निर्देशों के खिलाफ काम किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या विधानसभा में रामचरितमानस पर बहस हो सकती है, मौर्य ने कहा, ‘‘राजनेता कानूनों और विकास पर बोलते हैं और ‘धर्माचार्य’ (धार्मिक शिक्षक) धार्मिक ग्रंथों पर बोलते हैं।’’

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Aakriti Singh

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