UP Civic Election 2023: निकाय चुनाव में फतह हासिल करने के लिए सारे राजनीतिक दल लगे हुए हैं। इसी कड़ी में बीजेपी ने कल देर अपने नेताओं की मीटिंग ली। इस बैठक में फैसला लिया गया कि इस निकाय चुनाव में किसी भी मंत्री, विधायक, या पार्टी से बड़े स्तर पर जुड़े किसी भी नेता के परिवार रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। इस फैसले के बाद विधायकों को झटका लगा है। माना जा रहा है कि ये फैसला इसलिए लिया गया क्यों कि पार्टी के अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम मिल सके। पार्टी किसी भी परिस्थिति में ये चुनाव जीतने का प्रयास कर रही है। वहीं इस निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी इसलिए तैयार रहना चाहती है क्यों कि ये चुनाव आने वाले लोक सभा चुनाव के सेमी फाईनल के तौर पर देखे जा रहे हैं।
कल देल सीएम योगी ने अपने कुछ विधायकों और मंत्रियों के साथ रात्रि भोज किया था। इसके बाद चुनाव को लेकर बैठक की गई। इस बैठक में इस निर्णय को लिया गया। वहीं इस फैसले संभव है पार्टी में कुछ असहजता हो सकती है। वहीं निकाय चुनाव को लेकर पार्टी किसी प्रकार का कोई रिस्क नहीं ले सकती है। निकाय चुनाव ही आने वाले लोक सभा चुनाव के चुनाव की दिशा को तय करेंगे। सरकार के इस फैसले मंत्री नंद गोपाल नंदी के लिए एक झटका है। मंत्री की पत्नी अभिलाषा गुप्ता प्रयागराज की निवर्तमान मेयर हैं। वो इस बार फिर से चुनावी मैदान में जाने वाली थी।कल रात हुई बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिलों के प्रभारी मंत्री भी अपने अधिकार क्षेत्र में पार्टी के संगठनात्मक कार्यों के लिए जिम्मेदार होंगे।
प्रदेश में निकाय चुनाव कुल दो चरणों में होगे। वहीं 13 मई को निकाय चुनाव के परिणामों की घोषणा की गई। पहले चरण के लिए आज नामांकन प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। नियम के अनुसार त्याशी के नामांकन जुलूस पर पाबंदी है। निर्देशानुसार डीएम तय करेंगे प्रत्याशी के साथ जाने वालों की संख्या। मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश नामांकन नगर निगम मुख्यालय में जमा होंगे।जानकारी हो कि चुनाव आयोग ने हाल ही में निकाय चुवाव की तिथियों की घोषणा की थी।
चुनावी तारीखों का ऐलान होने के साथ ही राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता के कारण अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नही होगा। वहीं किसी भी प्रकार के कार्यक्रम के लिए मंत्री विधायक का दौरा नहीं हो पाएगा। आचार संहिता लागू होने के पश्चात नगरी क्षेत्र में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। वहीं किसी प्रकार का नया निर्माण कार्य नहीं किया जा सकेगा। प्रचार प्रसार के लिए लगे पोस्टरो को हटा दिया गया है। आचार संहिता के कारण किसी भी प्रकार का पोस्टर नहीं लगाया जा सकता जो कि चुनावी प्रचार के लिए प्रयोग किया गया हो।