उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज हत्याकांड को कौन नहीं जानता। दिल दहला देने वाली ये घटना सोचने पर मजबूर कर देती है कि आखिर इतना बड़ी घटना कहा से शुरू हुई क्या था इसका इतिहास। अगर आपके मन में भी ये सवाल है तो हम आपको बताएगें की क्या है इसकी सच्चाई। राजू पाल की पत्नी थी पूजा पाल। पूजा पाल शादी के नौवें दिन हो गई थी विधवा। राजू पाल (Raju Pal) की प्रेमिका थी पूजा पाल और राजू पाल के मर्डर का एकलौता गवाह था उमेश पाल। जिसकी भी कुछ दिन पहले दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। जैसे राजू पाल की हत्या की गई थी।
आपको बता दें कि पूजा पाल की मुलाकात राजू पाल से एक अस्पताल में हुई थी। उस समय पूजा पाल अस्पताल में पोछा लगा रही थी। दरअसल पूजा पाल के पिता उन दिनों एक छोटी सी दुकान चलाते थे और पमचर बनाने का काम करते थे।पूजा की जिन्दगी में राजू पाल के आने से उसकी जिन्दगी बदल गई थी। साल था 2005 तारीख थी 25 जनवरी एक दिन बाद पूरे देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाने वाला था। गलियां तिरंगे से सजी थी। उस दिन राजू पाल दोपहर 3 बजे प्रयागराज के अस्पताल पहुंचे थे। वो अपने किसी समर्थक के मौत के बाद अस्पताल गए थे ताकी वो वहां डॉक्टरों से गुजारिश कर सके कि उसका पोस्टमार्टम समय से हो सके ताकी अंतिम संस्कार किया जा सके।
बसपा विधायक (Legislator)राजू पाल के काफिले में दो गाड़िया थी। एक गाड़ी को खुद राजू पाल चला रहे थे। वहीं पाल की गाड़ी के पीछे एक गाड़ी ओभर टेक करना शुरू कर दिया तब तक की कोई कुछ समझ पाता तब तक ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी गई। वहीं वहां मौजूद आस पास के लोग उसे आनन फानन में अस्पताल ले गए जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। राजू पाल को दिन दहाड़े मौत के घाट उतार दिया गया। राजू पाल के शरार में 18 गोलिया दागी गई थी मात्र शादी के 9 दिन ही हुए थे।
2004 के आम चुनाव में फुलपुर के सपा के टिकट पर अतीक अहमद सांसद (Ateeq Ahmed MP)चुने गए थे। इसके बाद इलाहाबाद पश्चिमी विधान सभा सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर चुनाव था और सपा पार्टी ने अतीक अहमद के भाई मोहम्मद अशरख को टिकट दिया था। दूसरी तरफ मायावती ने बसपा के सीट से राजू पाल को खड़ा कर दिया था। राजू पाल ने अतीक के भाई को हरा दिया। पहली बार विधायक बने राजू पाल को दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। कहते है हार से परेशान होकर और क्षेत्र में डर फैलाने के लिए मौत की साजिश की गई थी। इधर पति की हत्या के बाद मायावती ने पूजा पाल को टिकट देकर विधायक बनाया। पूजा पाल इस समय समाजवादी पार्टी से विधायक है। लेेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी पूजा पाल को उम्मीद है कि उसे इंसाफ मिलेगा।