इंडिया न्यूज, लखनऊ।
UP government Woke up on Nishad Party’s Ultimatum : उत्तर प्रदेश में हुई गृहमंत्री अमित शाह की रैली के दौरान निषादों के विरोध और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के दिए हुए अल्टीमेटम के बाद यूपी सरकार हरकत में आ गई है। (UP government Woke up on Nishad Party’s Ultimatum)
वहीं, निषाद समाज को अनुसूचित जाति में आरक्षण देने के मुद्दे पर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। चूंकि बीते दिनों 17 दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में बीजेपी और निषाद पार्टी की संयुक्त रैली में निषाद समाज की समस्याओं के समाधान की घोषणा की थी।
यूपी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव रजनीश चंद्र ने रजिस्ट्रार जनरल को निषाद पार्टी के ज्ञापन के साथ पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची के क्रमांक 53 पर मझवार जाति का उल्लेख दिया गया है। (UP government Woke up on Nishad Party’s Ultimatum)
जहां पर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में मझवार जाति के लोग माझी, मझवार, केवट, मल्लाह, निषाद उपनामों का इस्तेंमाल करते हैं। इसके चलते उन्हें अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है। वहीं, निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ. संजय निषाद ने मझवार जाति के सभी उपनाम वाले लोगों को भी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्रदान करने की मांग की है।
बता दें कि बीते 17 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित की गई निषाद पार्टी और बीजेपी की संयुक्त रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी के सामने रैली में विरोध किया गया था। इसके साथ ही आरक्षण की भी मांग की गई थी. इस दौरान भारी बवाल के चलते रैली में कुर्सियां तक तोड़ दी गई थी। (UP government Woke up on Nishad Party’s Ultimatum)
ऐसे में उसके अगले दिन ही आरक्षण संबंधी मुद्दे पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद की ओर से ज्ञापन दिया गया था। वहीं, राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को पत्र भेजकर डॉ. संजय निषाद के ज्ञापन में उल्लिखित बिंदु मतलब उपनामों के आरक्षण पर तत्काल मार्गदर्शन मांगा है।
(UP government Woke up on Nishad Party’s Ultimatum)