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UP Nagar Chunav Results: निकाय चुनाव के नतीजों ने बीजेपी, सपा-बसपा और कांग्रेस को दिया ये बड़ा संदेश

• LAST UPDATED : May 14, 2023

India News (इंडिया न्यूज),UP Nagar Chunav Results: उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों के नतीजे आ चुके हैं। जो हम सबके सामने हैं। निसंदेह भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। अगर यूं कहें कि बीजेपी को एकतरफा जीत मिली है तो बिल्कुल गलत नहीं होगा।2024 लोकसभा चुनाव को अगर देखें तो कई मायनों में यह जीत बीजेपी के लिए बहुत जरूरी हो जाती है। खासतौर पर ऐसे समय में जब एक ही दिन में लखनऊ से करीब 2000 किलोमीटर दूर जब भाजपा को कर्नाटक में करारी हार झेलनी पड़ और कांग्रेस ने 1989 के बाद बड़े अंतर से जीत दर्ज की। ऐसे में आज हम आपसे कल आए चुनाव के नतीजों के बारे में बात करेंगे। आपके साथ ही आखिर ये समझने की कोशिश करेंगे कि निकाय चुनाव के नतीजों ने बीजेपी सपा, बसपा और कांग्रेस को  क्या संदेश दिया है?

बीजेपी ने किया विपक्ष का सूपड़ा साफ

निकाय चुनाव के नतीजों का अगर ओवरऑल विश्लेषण करें तो हम देखते हैं कि बीजेपी से जबरदस्त जीत हासिल की है।  2017 के नगर निकाय चुनाव के मुकाबले भाजपा का प्रदर्शन बहुत ही शानदार रहा। बता दें कि 2017 में नगर निगम की 16 सीटें थीं। जो इस बात 17 हो गई यानि इसमें एक सीट का इजाफा हुआ। 2017 में 14 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी, जबकि दो पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। परंतु इस बार बीजेपी ने विपक्ष का सूपड़ा ही साफ कर दिया और 17 की 17 सीट जीतने में कामयाब रही।

विपक्ष ने कम, अपनों ने ज्यादा दिया दर्द

पिछली बार पार्षद पद के 1300 सीटों पर चुनाव हुए थे और इनमें से 596 पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था। इस बार 1420 में से 813 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया। इसी तरह बाकी पदों का हाल रहा कुल मिलाकर बीजेपी  पिछली बार अगर 100 में 70 फीसदी अंक लाई थी तो इस बार 100 में से 90 फीसदी अंक लाने कामयाब रही अगर बीजेपी को किसी ने नुकसान पहुंचाया है तो नाराज और बगावत किए हुए उसके अपने ही लोग थे।

निकाय चुनाव नतीजों के सियासी मायने क्या हैं? 

कर्नाटक में मिली हार ने बीजेपी को गहरा घाव दिया तो यूपी निकाय चुनाव के नतीजों ने घाव पर काफी हद तक मरहम भी लगाने का काम किया। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अगर देखें तो यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं जबकि कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं। अभी बीजेपी के पास यूपी में 64 सीटें हैं। जिनमें हाल ही में उपचुनाव हुए रामपुर और आजमगढ़ की 2 सीट शामिल है। इतनी सीट जीतने का कारण राज्य में बीजेपी की सरकार का होना था। ऐसे में अगर इस बार कर्नाटक में कुछ हालात बदलते हैं क्योंकि कर्नाटक में नाटक हुआ और बीजेपी के हाथ से चला गया। बीजेपी बुरी तरह से हार गई। हिंदुत्व और बजरंगबली का दांव बीजेपी को उल्टा पड़ा। फिलहाल कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 बीजेपी के पास है। कारण प्रदेश में सरकार उनकी थी। लेकिन अब नहीं है इसका सीधा असर बड़े पैमाने पर लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा तो ऐसे में यूपी के नतीजे कुछ हद तक उसे कवर कर सकते हैं।

केजरीवाल की एंट्री से विपक्ष को हुआ है हर बार नुकसान

वहीं अगर अब सपा, बसपा और कांग्रेस की बात करें तो उनके राजनैतिक भविष्य के लिए परिणाम उनके मुताबिक नहीं रहा। इसके अलावा इन नतीजों में एक बात गौर करने वाली है और वो ये कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की यूपी में धमाकेदार एंट्री हुई है। क्योंकि पार्टी ने नगर पंचायत स्तर से लेकर पार्षद स्तर तक के चुनावों में काफी सीटें अपने नाम की है। इसमें संदेह नहीं की 2024 लोकसभा चुनाव में आप पार्टी और दमखम के साथ उतरने को तैयार रहेगी। अगर ऐसा होता है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान अखिलेश यादव, मायावती और कांग्रेस को होने वाला है क्योंकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली छोड़कर अभी तक जहां भी एंट्री की है इससे विपक्ष को नुकसान ही हुआ है। फिर चाहे वो हिमाचल हो, उत्तराखंड हो, गुजरात हो पंजाब में तो उन्होंने सरकार ही बना ली। इस वीडियो में फिलहाल इतना ही अगली वीडियो में फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए नमस्ते।

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