उत्तरप्रदेश राज्य में हुई बिजली हड़ताल को कल ही रोक दिया गया है। वहीं हड़ताल के बाद हुए उपभोक्ताओं के भारी नुकसान को देखते हुए यामक आयोग में आज एक याचिका दायर कराई गई है। इस मुआवजे में 700 सौ करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में मांगा गया है। मुआवजा उपभोक्ताओं के बिजली बिल में देने की बात बताई गई है।
आपको बता दें कि उपभोक्ताओं को मोबाइल चार्ज करने से लेकर पानी के लिए पंप चलाने के साथ- साथ और सभी कामों के लिए जनरेटर का उपयोग करना पड़ता है। सिर्फ अकेले विद्युत उत्पादन इकाइ के बंद होने के बाद से करीब 100 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। इस बात का खामियाजा उपभोक्ताओं को देना पड़ रहा है। हड़ताल के दौरान जिन विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग डेट जारी होगी। वहीं उन लोगों की बिलिंग डेट आगे कर दिया जाए।
इस तरह के उपभोक्ताओं से चार्ज की वसूली नहीं किया जाए। उपभोक्ताओं को बिजली ना देने के बदले में उनसे उनका फिक्स्ड चार्ज अथवा डिमांड चार्ज उनसे ना लिया जाए। विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने विश्वास दिया है कि उपभोक्ताओं के हितो के बारे में सोचा जाएगा। उनके हुए नुकसान को देखते हुए विचार किया जाएगा। विद्युत नियामक आयोग प्रावधानों के अनुसार रिपोर्ट मंगा कर आगे की कार्रवाई करेगी।
राज्य में काम बहिष्कार और हड़ताल से हुए हानी को देखते हुए। कॉरपोरेशन ने सारी कंपनियों से मिलान करने के लिए बोला है। जानकारी में पता चला है कि हाईकोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट में 2 करोड़ का नुकसान बताया जा रहा है। इस पूरी घटना को लेकर एक रिपोर्ट तैयार किया जाएगा।