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UP News: लव जिहाद पर बरेलवी उलमा का फ़तवा, ऐसी शादियां होती हैं हराम !

• LAST UPDATED : March 5, 2023

UP News: उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में जब धर्मांतरण क़ानून लागू हो चुका है और बाक़ी के कुछ राज्यों में इसकी तैयारी है। लव जिहाद के आरोपों ने इस क़ानून की ज़रूरत पैदा की। हालाँकि इसके बावजूद भी कुछेक घटनाएं सामने आ जा रही हैं। इस इल्ज़ाम के साथ कि मुस्लिम लड़के अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर गैर मुस्लिम लड़कियों को प्रेम जाल में फँसाते है। और फिर उनसे शादी करते हैं। हाल में इंटर कास्ट प्रेम प्रंसग के कई मामलों में ऐसे आरोप देखने को मिलते रहे हैं। जिस पर बरेलवी मसलक से जुड़े लोग फ़िक्रमंद हुए। औऱ मामले की अदालत में रखा। शरई रौशनी में “पहचान छिपाकर की जा रही शादियों को नाजायज़ व हराम माना गया है।”

क्या है फतवा में

डॉक्टर मुहम्मद नईम ने दरगाह आला हज़रत से जुड़े उलामा से इस मसले पर सवाल किया। पूछा कि “आजकल ये देखा जा रहा है कि मुस्लिम कौम के कुछ लड़के गैर मुस्लिम लड़कियों से मोहब्बत के इज़हार और फिर शादी करने के लालच में गैर इस्लामी रस्मों को अंजाम दे रहे हैं। मसलन हाथ में कड़ा पहनना, लाल धागे का कलवा बांधना, पेशानी पर टीका लगना आदि। फिर सोशल मीडिया पर अपनी इस्लामिक पहचान छुपाकर गैर मुस्लिमों के नाम रखते हैं। औऱ लड़कियों से बातचीत करते हैं। क़ुरान व हदीस की रौशनी में ये बताएं कि मुस्लिम नौजवानों का ये सब करना जायज है या नाजायज़? ”

इस्लाम में हराम हैं ऐसी शादियां

उलामा ने इस सवाल का जवाब एक फतवे के रूप में दिया है। जिसमें कहा है कि इस्लाम के मानने वालों को हमेशा ये ख़्याल रखना चाहिए कि इस्लाम ने उन्हें जीने का एक तरीक़ा दिया है। जो काफ़ी शानदार है। उनके मजहब ने अपने मानने वालों को मुसलमान जाहिर होने के लिए कुछ निशानियां व पहचान भी दी हुई हैं। लेकिन माथे पर टीका लगाने, हाथ में कड़ा पहनने, और लाल धागा बंधने , औरतों को सर के बालों में सिन्दूर लगाना, जुन्नार बंधना की इजाज़त नहीं है। ये सब मुसलमानों पर जायज़ नहीं है। बल्कि ये सभी निशानियां दूसरे धर्मों की हैं। इसलिए कोई भी मुसलमान ये चीजें इस्तेमाल नहीं कर सकता। उन्हें इनके उपयोग से बचना चाहिए। अगर फिर भी कोई मुस्लिम इनका इस्तेमाल करता है तो इसका मतलब ये है कि वो अपने मज़हबे इस्लाम और अपने मुसलमान होने की पहचान को छिपा रहा है, जोकि पूरी तरह से नाजायज़ व हराम है।

टीका लगाना होता है गुनाहे कबीरा

इस्लाम मे टीका लगाने, जुन्नार बांधने और चोटी रखने वाले को शरीयत ने सख्ती के साथ गुनाहे कबीरा माना है। जो मुस्लिम लड़के अपनी इस्लामिक पहचान छुपाने की नियत से और दूसरे मज़हब की लड़कियों के साथ शादी करने की नीयत से ये सब प्रपंच रचते हैं। वो इस्लाम मज़हब से निकल जाने के करीब हो जाते हैं। लामा ने इस मसले पर विस्तार से रौशनी डालते हुए कहा है कि “अल्लाह ताला ने कुरान शरीफ में कहा है कि ऐ मोमिनों गैर-मुस्लिम औरतों से उस वक्त तक निकाह न करों, जब तक वो ईमान वाली न हो जाएं।”

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