उत्तरप्रदेश में बीजेपी सांसद ने हाल ही में लखनऊ का नाम बदलने की गुजारिश की थी। जिसमें उन्होंने अपने तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। उस चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि लखनऊ को प्रभु राम ने अपने छोटे भाई लक्षमन को दान के तौर पर दिया था। उनका कहना है कि इसके हिसाब से लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुर होना चाहिए।
आपको बता दें कि इस मांग पर योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम नाम बदलने की कोई घोषणा नहीं करते हैं। लेकिन जब नाम बदलना होगा तो बहुत ही दमदार रूप नाम बदल दिया जाएगा। लखनऊ शहर फिलहाल अपने आप में बहुत ऐतिहासिक नाम है। लखनऊ का नाम अभी लखनऊ ही रहेगा।
योगी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वह आज भी अपने आप को वही मानते हैं। जैसे वे साल 2017 से पहले थे। उनका कहना है कि उनकी तीसरी पीढ़ी राजनीति में है। हमारा हर कार्य समाज की भलाई के लिए होता है। राष्ट्रीय एकत्व की भावना तथा राष्ट्र प्रथम की भावना हमारे मन में है। और मरते दम तक मन में रहेगा। उन्होंने बताया कि उनका पूरा जीवन देश तथा प्रदेश की जनता के लिए समर्पित है। गोरखपुर के सांसद के रूप में उन्होंने ऐसे कार्यो को किया जिसका समाधान कई वर्षो से नहीं हो पा रहा था।
दरअसल लखनऊ को बादशाहों का शहर कहा जाता है। लखनऊ बहुत सारे अच्छे जगहों के लिए जाना जाता है। योगी ने लखनऊ के नाम बदलकर लाखन पासी करने वाली बात पर जानकारी देते हुए कहा कि लाखन पासी एक पराक्रमी राजा हुआ करते थे। उनकी बेगम हजरत महल 1857 में हो रहे क्रांति की बहुत बड़ी वीरांगना थीं। लखनऊ की परंपरा पुरानी और एतिहासिक रही है।