UP News: कल दिल्ली में हुई बीजेपी की दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन जेपी नड्डा को एक बार फिर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है। नड्डा के कार्यकाल को ढेढ़ साल के लिए बढ़ा दिया गया है। जेपी नड्डा एक बार फिर से जिम्मेदारी मिलने के बाद सक्रिय हो गए है और वो मिशन 2024 के लिए जुट गए हैं। आगामी 20 जनवरी से वो कार्यकर्ताओं से जुड़ना शुरु करेंगे। इससे पहले वो दो दिन कार्यक्रम और अन्य तैयारियों को लेकर बैठक करेंगे। दूसरी बार अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद नड्डा गाजीपुर में पहली सभा करेंगे और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे।
जानकारी हो कि प्रदेश में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 80 में से अपने सहयोगियों के साथ 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार यूपी में मिशन 80 यानि सभी लोकसभा सीटों में जीत दर्ज़ करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है वो 14 सीटें जो अभी बीजेपी के पास नहीं हैं, इन्हीं में गाजीपुर लोकसभा सीट भी है। दरअसल लोकसभा के बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी गाजीपुर से बीजेपी के असफलता हाथ लगी थी।
जेपी नड्डा अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार गाजीपुर जाएंगे और वहां से ही चुनावी प्रचार की शुरुआत करेंगे। दरअसल गाजीपुर में बीजेपी ने सबसे कमजोर प्रदर्शन पिछले दो चुनावों में किया है। इस कारण जेपी नड्डा अपने मिशन की शुरुआत यहां से करेंगे। यहां पर वो लोगों को केंद्र सरकार की तमाम परियोजनाओं के बारे में बताएंगे और लोगों से उनके फीडबैक लेंगे। आपको बता दें कि जड्डा हवाई मार्ग से वाराणसी आएंगे जिसके बाद वो सड़क मार्ग से गाजीपुर जाएंगे।
गाजीपुर में जेपी नड्डा बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। जिसके बाद वो तमाम बीजेपी के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के साथ साथ उन्हें जीत का मूल मंत्र भी देंगे। गाजीपुर बीजेपी के लिए काफी अहम है क्यों कि न सिर्फ 2019 के लोक सभा में बल्कि 2022 में हुए लोक सभा चुनाव में भी भाजपा को पटखनी खानी पड़ी थी। ऐसे में जेपी नड्डा अपने मिशन की शुरुआत गाजीपुर से करने जा रहे हैं।
सुभसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने 2022 के विधान सभा चुनाव में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था जिसमे उन्होंने जीत हासिल की थी और बीजेपी को मुंह के बल गिराया था। अब चुकी सुभसपा और सपा में गठबंधन टूट गया है। जिसके बाद ओपी राजभर के सुर भी बीजेपी के पक्ष में थोड़े नरम नजर आ रहें है। हालांकि क्या ओपी राजभर बीजेपी के साथ आएंगे या अकले चुनाव लड़ेंगे ये स्पष्ट नहीं हैं।
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