UP News: (A big feat of district industry has come to the fore in Fatehpur district of UP.): यूपी के फ़तेहपुर जिले में जिला उद्योग का बड़ा कारनामा सामने आया हैं। जहां छोटे उद्योग लगाए जानें वाले प्लाट को मिनिस्टर के साथ कई नामी लोगों के नाम पर दर्ज किया गया है, और वह प्लाट में आज तक किसी तरह के उद्योग नही लगाए गए।
बता दें, जिले के प्रभारी मंत्री व प्रदेश सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर राकेश सचान की 2 फार्म के 72 प्लाट आवंटित कर दिए गए। जबकि, आवंटित राशि 10 प्रतिशत जमा होना था, जो अब तक नही जमा किया गया। इसकी शिकायत लघु उद्योग भारती, अध्यक्ष फ़तेहपुर सतेंद्र सिंह में निदेशक कानपुर उद्योग से की, तो जिला उद्योग में हड़कंप मच गया। जबकि सरकार प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से रोजगार लगवाना चाहती हैं, जिससे युवाओं को रोजगार मिले। जहां उद्यमियों को जमीन आवंटित करवाना, उन्हें उद्योग लगाए जाने की पहल कर रही है।
जब यह मामला सामने खुलकर आया तो कैबिनेट मिनिस्टर से फोनिक वार्ता की गई। जिसके बाद उनका कहना था कि, उनके दो फर्म के नाम जमीन आवंटित हुई थी लेकिन वहां कोई उद्योग नही लग पाया। जिसे वह रद्द करवाते हुए जरूरत मंदो को मुहैया करवा देंगे।
फतेहपुर जिले के प्रभारी मंत्री व MSME के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान पर गंभीर आरोप लगे हैं, आरोप यह है कि अभिनव सेवा संस्थान राकेश सचान के नाम पर उद्योग विभाग के मिनी औद्योगिक आस्थान चकहता में 32 और मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर में 40 प्लॉट आवंटित हुए हैं। लघु उद्योग भारती, फतेहपुर के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कानपुर के निदेशक उद्योग को एक लिखित शिकायत भेजी है। जिसमे बताया जा रहा है कि, सभी आवंटन 2012-13 में हुए इन आवंटनों के एवज में चुकाई जाने वाली न्यूनतम 10 प्रतिशत रकम भी अब तक उद्योग विभाग के पास जमा नहीं की गई, और न ही प्लॉटों में कोई इंडस्ट्रियल यूनिट लगाई गई है।
लघु उद्योग भारती, फतेहपुर के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने आयुक्त और निदेशक उद्योग को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि, फतेहपुर में 8 इंडस्ट्रियल एरिया हैं। चकहता मिनी औद्योगिक क्षेत्र में कुल 36 प्लॉट हैं। स्थापित उद्योग या प्रयोजन का नाम प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान बताया गया है। इनमें 32 अलॉट किए गए हैं, और सभी 32 प्लॉट एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं। इसी तरह मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर के 45 प्लॉटों में 40 आवंटित हैं। सभी 40 प्लॉट एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं। यहां उद्योग नहीं लगाए गए हैं, बताया जाता है कि इन प्लॉटों पर कभी मौरंग डंप की गई तो कभी अस्थायी गौशाला बनाई गई है।
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