उत्तरप्रदेश सरकार के द्वारा हड़ताल पर जाने वाले बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। बीते दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बैठक में राज्य के ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों को शाम 6 बजे तक काम पर वापस लौटने की चेतावनी ऊर्जा मंत्री के द्वारा दी गई थी। यदि देखा जाए तो इससे पूर्व 22 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
वहीं इन सारे लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। लेकिन वहीं जानकारी दें कि 1300 संविदा कर्मियों को बर्खास्त भी किया जा चुका है। हड़ताल होने के कारण राज्य के कई जिलों में बिजली की संकट भी उत्पन्न हो गयी है। वहीं फैक्टरियों का उत्पादन रूक गया है। जलापूर्ति को भी बाधित कर दिया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी के बाद बैठक खत्म होने के बाद संबोधन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को सारे मामले के बारे में बताया गया है। 22 नेता जो की विद्युत कर्मचारी और संघर्ष समिति के हैं इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कुछ संगठन पांच दिन लगातार हड़ताल पर चल रहे हैं। उनसे बात करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं कई संगठन जनता की भलाई में लगे हुए हैं। वे काफी इमानदारी से काम करने में लगे हुए हैं। इन सारे लोगों का धन्यवाद। कई निजी कंपनियों ने उत्पादन इकाई में हमारी सहायता की है। वहीं उत्पादक क्षमता 28 मेगावाट है।
बता दें कि 24 घंटे में होने वाले अंधी तूफान की वजह से काम पे काफी असर पड़ रहा है। कई जगहों पर कर्मचारियों ने समस्या पैदा कर दी गई। जो निष्प्रभावी हो गया है। हड़ताल का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। जबकि तार फीडर में हुई दिक्कतों को सही किया गया। कई जगहों पर शार्ट सर्किट करने की कोशिश की गई है।