UP Politics: रामचरितमानस पर विवदित टिप्पणी को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पक्ष समेत तमाम लोगों के निशाने पर हैं। यही नही वो अपने बयान पर कायाम भी है। उनका कहना है कि भले ही उनको बयान को लेकर धमकियां मिल रहीं है लेकिन वो इससे डरने वाले नही है।
इस मामले में बीजेपी ने सवाल किया था कि क्या स्वामी प्रसाद का बयान पार्टी का है या फिर निजी है। अगर स्वामी के बयान से सपा किनारा कर रही है तो अखिलेश यादव कोई कार्रवाई क्यों नही कर रहे हैं। इन सब के बीच आज सपा मुखिया ने स्वामी प्रसाद मौर्य को तलब किया। उनसे पार्टी कार्यालय में मुलाकात की।
सपा मुखिया और अखिलेश यादव की मुलाकात सपा कार्यालय लखनऊ में हुई। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बुलाया था। ये मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली। मीटिंग के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य जब बाहर आए तो उन्होंने कहा कि “अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ों को उनका संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी रणनीति के तहत सबसे पहले जाति आधारित जनगणना की मांग करेगी. इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा। ”
स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना था कि “अखिलेश यादव हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आने वाले दिनों में सही समय पर वो सही बातों को सभी के बीच रखेंगे। अखिलेश जी के साथ सभी मुद्दों पर हमारी बात हुई है। मुलाकात के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश के दलितों, पिछड़ों के आरक्षण को सुनिश्चित कराना है, आरक्षण को वापस दिलाना है। हमें संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करनी होगी।”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सीएम के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमे सीएम योगी ने कहा कि सनातन ही देश का राष्ट्रीय धर्म है। सपा नेता ने सीएम के बयान को लेकर कहा कि इस सब का जवाब नेता विरोधी दल के तौर में अखिलेश यादव विधानसभा में उनके सामने देंगे, जिन्होंने सनातन धर्म की वकालत की है।
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