UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरितमानस पर विवादित बयान ने प्रदेश की राजनीति को एक अलग हवा दे दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस बयान के माध्यम से पूरे देश में अगड़ो और पिछड़ों के बीच लड़ाई छेड़ दी है। वहीं बीजेपी उनके बयान को सपा का बयान बता रही है। इस मामले में अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है और पिछड़ो और दलितो को लेकर कहा कि इन्हे बीजेपी सिर्फ चुनाव में वोट के लिए हिंदू मानती है उसके बाद इन्हें शून्य़कार बिंदू के तौर पर देखती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। पूर्व सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “पिछड़े-दलित भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट के पैमाने पर हिंदू हैं या कहें चुनाव के समय में भाजपा के लिए पिछड़े-दलित हिंदू हैं पर उसके बाद अपना हक़ माँगने पर भाजपा के लिए पिछड़े-दलित केवल शून्याकार बिंदु हैं। जिनको भाजपा सरकार गिनने तक को तैयार नहीं, वो बीजेपी उनके भलाई के बारे में वो क्या सोचेगी।”
पिछड़े-दलित भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट के पैमाने पर हिंदू हैं या कहें चुनाव के समय में भाजपा के लिए पिछड़े-दलित हिंदू हैं पर उसके बाद अपना हक़ माँगने पर भाजपा के लिए पिछड़े-दलित केवल शून्याकार बिंदु हैं।
जिनको भाजपा सरकार गिनने तक को तैयार नहीं, उनकी भलाई के बारे में वो क्या सोचेगी।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 2, 2023
स्वामी प्रसाद मौर्य अपने रामचरित मानस वाले बयान पर कायम है। उनका कहना है कि वो पिछड़ो की बात कर रहें है साथ ही वो धर्म के नाम पर हो रहे पिछड़ों और दलितों के अपमान को बरदास्त नहीं करेंगे। स्वामी प्रसाद का कहना है कि वो अपने बयान पर कायम हैं। गौर हो कि रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया था। उनका कहना था कि इसे सरकार बैन करे। वहीं उन्होंने कहा कि वो राम श्रीराम का अपमान कर रहें है ना ही वो रामचरितमानस का अपमान कर रहें है बल्कि वो कुछ लाइन को सही नही मानते हैं।
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