India News(इंडिया न्यूज़),UP News: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा सोशल मीडिया के एक्स की एक टिप्पणी चर्चा का विषय बनी हुई है। उनकी टिप्पणी सुप्रिम कोर्ट के फैसले द्वारा अनुच्छेद 370 को लेकर सोमवार को आए फैसले के बाद की है। जिसके साथ उन्होंने एक पेपर की क्लीप भी साझा किया है। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले 2019 के फैसले को सर्वसम्मति से बरकरार रखा है।
इस पेपर पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम योगी ने कहा कि, ‘सर्वोच्च न्यायालय ने भारत की अखंडता को बरकरार रखी। ये मेरी बहूत इच्छा थी कि मैं इस कलंक को, लोगों पर हुए इस अन्याय को मिटाने के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं, उसे जरूर करूं। मैं हमेशा से जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए काम करना चाहता था।’ मुख्यमंत्री ने ये रिएक्शन पीएम मोदी के लेख पर दी है। इस लेख को पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 पर फैसला आने के बाद लिखा है।
'सर्वोच्च न्यायालय ने भारत की अखंडता को बरकरार रखा'
मेरी यह भी प्रबल इच्छा थी कि मैं इस कलंक को, लोगों पर हुए इस अन्याय को मिटाने के लिए जो कुछ भी कर सकता हूं, उसे जरूर करूं। मैं हमेशा से जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए काम करना चाहता था।
पढ़ें आदरणीय… pic.twitter.com/LrawjK5mmy
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 12, 2023
इससे पहले कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि, ‘माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा धारा 370 और 35 A के संबंध में दिया गया निर्णय अभिनंदनीय है। यह ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूती प्रदान करने वाला है। ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू- कश्मीर को देश की मुख्यधारा से जोड़ने वाले ऐतिहासिक कार्य के लिए 25 करोड़ प्रदेश वासियों की ओर से उनका पुनः हार्दिक आभार। निश्चित रूप से प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख क्षेत्र सुशासन, विकास और समृद्धि के नए मापदंड स्थापित करेंगे। जय हिंद!’
मुझे अपने जीवन के शुरुआती दौर से ही जम्मू-कश्मीर आंदोलन से जुड़े रहने का अवसर मिला है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को नेहरू मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण विभाग मिला था और वे लम्बे समय तक सरकार में बने रह सकते थे। फिर भी उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर कैबिनेट छोड़ दी और आगे का कठिन रास्ता चुना,भले ही इसके लिए उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। कई वर्षों बाद अटल ने श्रीनगर की एक सार्वजनिक सभा में ‘मानवता, लोकतंत्र और कश्मीरियत’ का प्रभावशाली संदेश दिया, जो सदैव प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत रहा है।
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