UP Politics: उत्तर प्रदेश मे निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासत तेज हो गई है। प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसा है। केशव मौर्य ने अखिलेश पर आरोप लगाया है कि पूर्व सीएम श्रीराम, दलितों-पिछड़ों के अपमान के अपमान का ठेका ले बैठा है। डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा को विकास के कार्यों से कोई लेना देना नही है वो बस तुष्टीकरण की राजनीति करने में भरोसा रखते हैं।
सपा प्रमुख पर हमलावर होते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि अखिलेश यादव और सैफई परिवार के लोग भगवान राम, धार्मिक ग्रंथों, दलितों और पिछड़ों के अपमान का ठेका लेकर बैठे हैं। अगर वह अभी भी परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति करके भाजपा का मुकाबला करने की सोच रहे हैं, तो हम उन्हें पहल भी कई चुनावों में हरा चुके हैं। जहां तक बात है 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तो हम यूपी की सभी 80 सीटें जीतकर सभी को सबक सिखाने का काम करेंगे।
उन्होंने सपा प्रमुख पर तंज कसते हुए कहा कि अगर कोई राजनीतिक लक्ष्य को साधने के लिए मूर्ति लगवाएं तो उन्हें याद रखना चाहिए कि पशुराम की मूर्ति लगाने वालों का क्या हाल हुआ था। केशव मौर्य ने डॉ भीमराव अंबेडकर को लेकर कहा कि बाबा साहेब पूरे देश के हैं और अब तो बाबा साहेब की जन्म स्थली से लेकर उनकी निर्माण स्थल तक का विकास होने जा रहा है।
कल राज्य चुनाव आयोग ने प्रदेश मे होने वाले निकाय चुनाव को लेकर तिथियों की घोषणा कर दी थी। प्रदेश में निकाय चुनाव कुल दो चरणों में होंगे। मतो की गिनती 13 मई को की जाएगी। इसको लेकर तमाम राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया में लग गए हैं। प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव में पहले चरण के लिए 10 अप्रैल को अधिसूचना जारी की जाएगी तो वहीं दूसरे चरण के लिए 16 अप्रैल को अधिसूचना जारी की जाएगी। इसको लेकर तमाम तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
चुनावी तारीखों का ऐलान होने के साथ ही राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है। आचार संहिता के कारण अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नही होगा। वहीं किसी भी प्रकार के कार्यक्रम के लिए मंत्री विधायक का दौरा नहीं हो पाएगा। आचार संहिता लागू होने के पश्चात नगरी क्षेत्र में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। वहीं किसी प्रकार का नया निर्माण कार्य नहीं किया जा सकेगा। प्रचार प्रसार के लिए लगे पोस्टरो को हटा दिया गया है। आचार संहिता के कारण किसी भी प्रकार का पोस्टर नहीं लगाया जा सकता जो कि चुनावी प्रचार के लिए प्रयोग किया गया हो।
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