India News(इंडिया न्यूज़),UP Politics: उत्तर प्रदेश में विपक्ष आखिर कितना एकजुट है, इसका पता सोमवार को चलेगा। अखिलेश यादव के विपक्षी एकता के दावे आखिर कितना सच है, इस सवाल का जवाब भी 29 मई की शाम तक चलेगा। एकता की इस मुहीम का सोमवार को पहला टेस्ट होगा। हालांकि विपक्ष इस मुहीम में पास होगा या फेल ये चुनाव के नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा। दरअसल आज प्रदेश में दो MLC सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। बीजेपी और सामजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। लेकिन जीत बीजेपी की होगी ऐसा राजनीतिक के जानकारों का मानना है क्योंकि बीजेपी के पास बहुमत है।
दरअसल,अभी हाल ही में हुए निकाय चुनाव के दौरान सपा गठबंधन में काफी खटपट हो देखने को मिली। इस गठबंधन को जयंत चौधरी और पल्लवी पटेल ने झटका दिया था। जयंत चौधरी ने पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर सपा के खिलाफ अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया। जबकि दूसरी और पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल कमेरावादी ने भी कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे। ऐसे में इस विधान परिषद चुनाव में गठबंधन की पहली परीक्षा यही होगी की कौन किस तरफ जाता है और वोट करता है।
दूसरी ओर कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस पार्टी के लिए सपा और आरएलडी ने नरम रुख अपनाने का संकेत दिया है। दोनों ही दलों ने बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के संकेत भी दिए हैं। ये संकेत ऐसे समय में आए हैं जब बीजेपी के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व की भूमिका में आकर एक गठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस लिहाज से भी ये उपचुनाव काफी अहम होगा। अब सवाल ये है कि बीजेपी उम्मीदवारों के खिलाफ सपा गठबंधन का कौन-कौन साथ निभाता है?
वहीं दूसरी ओर नए संसद भवन के उद्घाटन का स्वागत कर बसपा प्रमुख मायावती ने विपक्षी एकता को तगड़ा झटका दिया। जबकि सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर भी उन्हीं के रास्ते पर चलते नजर आ रहे हैं। हालांकि बीते दिनों बीजेपी के साथ ओपी राजभर की खटपट बढ़ी है। इस वजह से देखना ये भी अहम होगा कि सुभासपा के विधायक किस गठबंधन के ओर वोट करते हैं।