बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासत को मजबूत करने के लिए अपना हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। जिसके बाद से यूपी के अंदर सियासी हलचल तेजी से बढ़ने की संभावना है। यूपी में लोकसभा चुनाव शुरू होने वाले है। यूपी में होने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के यूपी की किसी सीट से चुनाव लड़ने की की बाते हो रही है। बीते दिन चर्चा तेजी से शुरू हुआ। इस चर्चा के शुरू होने के बाद सपा पार्टी के नेताओं ने अपने उल्टे पुल्टे बयान देकर इस बात को और बढ़ावा दिया है।
आपको बता दें कि नीतीश कुमार के प्रयागराज की फूलपुर सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चा बीते दिनों तेजी से हुई। चर्चाओं में बताया गया कि फूलपुर सीट से मुख्यमंत्री चुनाव लड़ेगे और तीर से कई निशाने साधने की कोशिश करेंगे। वहीं मुख्यमंत्री विपक्ष को एकजुट करने के साथ ही बीजेपी को घेरने का भी काम करेंगे। इस सीट पर जातीय गणित ने इस चर्चा को तेज करने में अपनी पूरी भूमिका निभाई है।
सोचने वाली बात है कि जातीय गणित के चलते ही फूलपुर सीट से अभी तक 9 कुर्मी सांसद बनाए गए हैं। अभी भी इस क्षेत्र की कुर्मी समुदाय की ही बीजेपी नेता केशरी देवी पटेल मौजूदा सांसद हैं। वहीं बीते दिनों समाजवादी पार्टी विधायक और अपना दल कामेरावादी की नेता पल्लवी पटेल बिहार का दौरा कर रही थी। उस दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी की थी। उन्होंने मुलाकात के साथ की तस्वीरें भी शेयर की थी।
उस मुलाकात में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी शामिल थे। उस मुलाकात के दौरान ललन सिंह ने बयान दिया था कि “नीतीश कुमार और अखिलेश यादव एक साथ मिलकर अगर यूपी में चुनाव प्रचार करते हैं तो बीजेपी आज 65 पर है तो वहां 20 सीट पर अपना सत्ता कर लेगी। वहीं लोकसभा चुनाव की अभी कोई घोषणा नहीं हुई है। अभी लोकसभा चुनाव में 20 महीने हैं। चुनाव का समय आएगा तो देखा जाएगा।”
जानकारी दें कि फूलपुर में जातीय गणित के हिसाब से देखा जाए तो कुर्मी समुदाय का दबदबा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सपा विधायक पल्लवी पटेल भी कुर्मी समुदाय में आते है। वहीं बता दें कि फूलपुर सीट यूपी के पूर्वांचल हिस्से में है जो बिहार राज्य से सटा हुआ है।