UP Politics: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह बयान रायबरेली दौरे पर दिया है। जहां उन्होंने ये कहा है कि मेरे बयान का एक खास वर्ग विरोध कर रहा है, क्योंकि अब उन्हें डर है कि उनका धंधा अंधेरे में चला जाएगा।
सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह बयान रायबरेली दौरे पर दिया है। जहां उनके इस दिए गए बयान के बाद से ही वह चर्चा में बने हुए हैं। इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने ब्राह्मण समाज पर भी उठाए है सवाल, उन्होंने कहा है कि जो लोग मेरी टिप्पणी का विरोध कर रहे हैं, वो पंडित-पुजारी लोग हैं। क्योंकि उन्हें डर है कि अब अगर मंदिरों में पूजा नहीं होगी तो हमारा धंधा खत्म हो जाएगा।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान से सभी पिछ़़डे वर्ग की महिलाएं मंदिर में आना बंद कर देंगी तो चढ़ावा बंद हो जाएगा और उनकी पेट पूजा बंद हो जाएगी। इसलिए वह पागलों की तरह भौंक रहे है। वहीं उन्होंने ये भी कहा है कि ये मेरा निजी बयान है।
विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा है कि श्रीरामचरित मानस एक ऐसा ‘ग्रन्थ’ है, जिसे भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग पढ़ते हैं, और इसका पालन भी करते हैं।
रायबरेली के ऊंचाहार से तीसरी बार विधायक चुने गये मनोज पांडेय ने कहा श्रीरामचरित मानस हमें नैतिक मूल्यों और भाइयों, माता-पिता, परिवार और अन्य लोगों के साथ संबंधों के महत्व को सिखाती है। हम न केवल रामचरितमानस बल्कि बाइबिल, कुरान और गुरुग्रंथ साहिब का भी सम्मान करते हैं। वे सभी हमें सबको साथ लेकर चलना सिखाते हैं।
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