UP Politics: प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में आदेश दिया है कि आने वाले चैत्र नवरात्रि में प्रदेश के सभी जनपदों के कुछ चयनित मंदिरों में दुर्गाशप्तशति का पाठ का आयोजन किया जाए। वहीं इस फैसले पर विपक्ष ने जोरदार हमला किया था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि सरकार को सभी धर्मों के प्रति ऐसी दरियादिली दिखानी चाहिए। सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि सरकार इस फैसले से एक बार फिर से महिलाओं और पिछड़ों का अपमान करने जा रही है। वहीं इस फैसले पर एक बार फिर स्वामी प्रसाद ने सरकार पर हमला बोला है। मौर्य ने ट्वीट करते हुए कई बातों को लिखा।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “सरकार, सरकारी खर्चे पर मानस का पाठ कराये। देश की महिलायें व शूद्र समाज अपने को नीच, अधम, प्रताड़ित व अपमानित होने से बचायें व सम्मान, स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाले संतो, गुरुओं, महापुरुषों का जन्मदिन धूमधाम से मनायें तथा संविधान पर चर्चा करायें व उद्देशिका बटवायें।” जानकारी हो कि आने वाले 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू होने जा रहा है। इसी को देखते हुए सरकार ने फैसला किया मंदिरों में सुंदरकांड और दुर्गा सप्तशति का पाठ हो। वहीं सरकार के फैसले पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है।
सरकार, सरकारी खर्चे पर मानस का पाठ कराये। देश की महिलायें व शूद्र समाज अपने को नीच, अधम, प्रताड़ित व अपमानित होने से बचायें व सम्मान, स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाले संतो, गुरुओं, महापुरुषों का जन्मदिन धूमधाम से मनायें तथा संविधान पर चर्चा करायें व उद्देशिका बटवायें।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 17, 2023
सपा महासचिव ने पहले भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि सरकार का ये फैसला देश की 97 फिसदी आबादी के पक्ष में नहीं है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि “ढोल, गवार, शुद्र, पशु, नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी।। उसी सुंदरकांड का हिस्सा, जिसका सरकार ने पाठ कराने का निर्णय लिया है यानी सरकार का यह निर्णय महिलाओं व शूद्र समाज को प्रताड़ित व अपमानित करने वाले 3% लोगों का बढ़ावा देने एवं 97% हिंदू समाज के भावनाओं को आहत करने वाला है। ”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि सरकार को सभी धर्मों के प्रति सम्मान दिखाने की जरुरत है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ” रामनवमी मनाने के लिए उप्र के ज़िलाधिकारियों को 1 लाख रुपये दिये जाने के प्रस्ताव का स्वागत है पर इतनी कम रक़म से होगा क्या, कम से कम 10 करोड़ देने चाहिए जिससे सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जा सके। भाजपा सरकार त्योहारों पर फ़्री सिलेंडर दे और इसकी शुरूआत इसी रामनवमी से हो।”