लखनऊ: पिछले कई चुनावों में बहुजन समाज पार्टी कुछ खास प्रदर्शन नही कर पाई है. देखा जाए तो अखिलेश और माया के गठबंधन के बाद बीएसपी ने खुछ सीटें लोक सभा में जीतीं थी. लेकिन उसके बाद हुए चुनावों में बीएसपी ने कोई खास प्रदर्शन नही किया. बात करें 2022 के विधानसभा चुनावों की तो बीएसपी ने सिर्फ एक विधानसभा पर अपना कब्जा किया था.
अब बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी में कई परिवर्तन किए है. उनके इस बदलाव का कारण आगामी लोकसभा चुनाव माना जा रहा है. माया ने लगातार कमजोर हो रही बसपा की कमान अतिपिछड़े समाज से आने वाले विश्वनाथ पाल को सौंपी. आज उन्होंने पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर अपना पक्ष रखा. ये जिम्मेदारी पाल के उपर तब दी गई है जब प्रदेश में निकाय चुनाव होने को हैं.
पाल ने कहा कि बीएसपी कभी खत्म नहीं हो सकती है. इस चुनाव में बीएसपी के साथ धोखा हुआ, 10 सांसद वाली पार्टी को डमी बताया गया. मैंने देखा है यूपी के हर मंडल में बीएसपी को लेकर लोगों में जोश है. हर जाति के लोग बीएसपी के साथ हैं. दलित वोट बैंक में सेंध लगने के सवाल पर उन्होनें कहा कि दलित हमारा कहीं नही गया है. मुस्लिम को गुमराह किया गया, अतिपिछड़ा को भी गुमराह किया गया. कोई साइडलाइन नहीं है पार्टी में, सब एक साथ हैं.
विश्वनाथ पाल ने कहा कि मैं सभी जातियों को जोड़ने के लिए निकला हूं, उनको जोड़कर बीएसपी को मजबूत करना है.यूपी से प्रधानमंत्री का रास्ता बनता है. मायावती की राष्ट्रपति की चाहत को लेकर जब पाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कभी नहीं कहा की उन्हें राष्ट्रपति बनना है, वह सीएम या पीएम बन सकती हैं. बीएसपी यूपी में बहुत बड़ा प्रदर्शन करने जा रही है. आपको बता दें बीएसपी के पास सिर्फ एक सीट विधान सभा में है.
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